पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) को लेकर इस समय पार्टियों के बीच क्रेडिट वार छिड़ा हुआ है. भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) के इसका पूरा क्रेडिट लेने से खासे नाराज लग रहे समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश (Akhilesh Yadav) यादव अब पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अपनी विजय यात्रा के घोड़े दौड़ाने की तैयारी कर चुके हैं. आज गाजीपुर के पखनपुरा से उन्होंने इस विजय यात्रा की शुरुआत कर दी है, जो पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से होते हुए लखनऊ तक जाएगी. जहां-जहां से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे गुजरा है, उन जिलों में इस यात्रा का स्वागत किया जाएगा. समाजवादी पार्टी के नेताओं का दावा है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे अखिलेश यादव सरकार की देन है और इसीलिए वह इस यात्रा को परिवर्तन यात्रा बताते हुए आने वाले समय में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं.
भाजपा ने नहीं हमने बनवाया एक्सप्रेस वे
ज़ी मीडिया से बातचीत में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन ने बताया कि यह परिवर्तन यात्रा है यूपी की जनता परिवर्तन चाहती है. पूर्वांचल की जनता का पूरा हुजूम आज यहां गाजीपुर में देखने को मिल रहा है. ये लोग अखिलेश यादव को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए धन्यवाद दे रहे हैं, जो कि उनकी सोच था. हमारी इस यात्रा में समाजवादी कार्यकर्ता पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर चढ़कर लखनऊ तक का सफर तय करेंगे. इस यात्रा का जगह-जगह पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में स्वागत होगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे यूपी की बीजेपी की सरकार का प्रोजेक्ट नहीं था. इसकी जमीन समाजवादी पार्टी ने अधिगृहित की और लेआउट भी समाजवादी पार्टी ने बनाया था. यह हमारी ही पार्टी का सपना था.
क्यों है पूर्वांचल पर इतना ध्यान
सत्ता दिलाने में पूर्वांचल की बड़ी भूमिका रहती है इसलिए हर पार्टी का इस पर ज्यादा ध्यान है. पूर्वांचल की 117 सीटें किसी को भी सत्ता की कुर्सी तक पहुंचा सकती हैं. साल 2007 में बीएसपी को पूर्वांचल में बड़ी जीत मिली तो मायावती सरकार बनाने में सफल रहीं. इसके बाद साल 2012 में पूर्वांचल में बढत के सहारे ही अखिलेश यादव ने सत्ता पाई. साल 2017 में पूर्वांचल की जनता ने ही भाजपा को भारी बहुमत दिलाया.इन आंकडों से जाहिर है कि क्यों सभी को पूर्वांचल क्षेत्र ओर इस एक्सप्रेस वे से बड़ी उम्मीदें हैं.