अगले महीने के आठ दिन हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई तीनों धर्मों के लोग एक साथ अपनी-अपनी धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार उपवास रखकर प्रार्थना करेंगे। हिन्दू समाज के लोग व्रत, मुस्लिम समाज के लोग रोजा और ईसाई समाज के लोग लेंट (उपवास) रखेंगे।
ईसाई समाज का 40 दिनी उपवास दो मार्च से चल रहा है। वहीं दो मार्च से वासंतिक नवरात्र शुरू होने से सनातनधर्मी नौ दिवसीय उपवास रखेंगे। उधर 3 अप्रैल से रमजान शुरू होने के कारण मुस्लिम रोजा की रवायत निभाएंगे।
ईसाई समाज का गुड फ्राइडे तक चलेगा उपवास: ईसाई समाज के लोग दो मार्च से लेंट (उपवास या चालिसा काल) का उपवास रख रहे हैं। इसमें 60 से अधिक उम्र के लोगों को उपवास रखना अनिर्वाय नहीं है। वहीं 18 से 60 साल तक लोग उपवास रखते हैं। मैत्री भवन के फादर डॉ.फ्लीप डेनिस ने बताया कि ईसाई समाज के लोग अपनी इच्छा के अनुसार पसंदीदा खाद्य पदार्थ का त्याग करते हैं। जो पैसा बचता है उसे गरीबों को दान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस दौरान सार्वजनिक स्थान पर खाने की पूरी तरह मनाही है। ये उपवास 15 अप्रैल को गुड फ्राइडे के बाद समाप्त हो जाएगा।
मुस्लिम रोजे के दौरान पानी भी नहीं पीते : इस्लामी कैंलेंडर के मुताबिक रमजान का पवित्र महीना 3 अप्रैल से शुरू होगा। हालांकि चांद पर निर्भरता के कारण यह एक दिन आगे या पीछे संभव है। इस हिसाब से ईद के चांद तक रोजा का पालन मुस्लिम करेंगे। इस दौरान सुबह फजिर की अजान के बाद रोजा शुरू करते हैं।
वहीं शाम को मगरिब की आजान के बाद इफ्तार करते हैं। इस दौरान पानी तक का सेवन नहीं किया जाता है। रमजान में मुस्लिम समाज के लोग अल्लाह पाक की तिलावत करते हैं। मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने बताया कि रमजान में लोग तरावीह की नमाज पढ़ते हैं। दिन-रात अल्लाह की इबादत करते हैं।