ज्यादा दिन नहीं गुजरे जब समाजवादी पार्टी नेतृत्व और अखिलेश यादव से आजम खान की नाराजगी की खबरें सुखियों में थीं। सीतापुर की जेल में रहने के दौरान अखिलेश कभी आजम खान से मिलने नहीं गए। बाहर आने के बाद आजम भी इशारों ही इशारों में अखिलेश पर निशाना साधते रहे लेकिन अखिलेश ने आजम पर चुप्पी साधे रखी। अखिलेश और आजम के बीच बढ़ती दूरियां यूपी की सियासत में बड़ा मुद्दा बन गई थीं। फिर भी अखिलेश इन चीजों की परवाह करते नहीं दिखे लेकिन रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार के बाद भी लगता है उन्होंने रणनीति बदल दी है। पिछले कुछ दिनों से सपा और उन्होंने खुद आजम खान के मुद्दे पर मुखर होकर बोलना शुरू कर दिया है। दो दिन पहले उन्होंने विधानसभा में भी आजम की यूनिवर्सिटी की जांच का मुद्दा उठाया था। शुक्रवार को 12 विधायकों के साथ राजभवन पहुंचकर उन्होंने आजम खान के मसले पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
राजभवन से निकलने के बाद अखिलेश ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल से इस मामले में दखल देने और आजम खान को इंसाफ दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आजम खान पर जिस तरह लगातार मुकदमे लगाए जा रहे हैं जिस तरह की ज्यादती की जा रही है उनको लेकर राज्यपाल को जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि हमने आग्रह किया है कि आपके माध्यम से न्याय मिल सकता है। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार लगातार आजम खान और उनके परिवार पर झूठे मुकदमे लगा रही है। आजम खान बीमार हैं। कोविड के दौरान उनका इलाज हुआ, लगातार तकलीफ-परेशानी में रहे। हमने निवेदन किया कि राज्यपाल सरकार से कहें कि आजम खान के साथ अन्याय न करें। सपा के प्रतिनिधिमंडल में शामिल विधायकों ने भी कहा कि राज्यपाल से मुलाकात के दौरान आजम खान के विषय पर विस्तार से अपनी बात रखी गई।