पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में जाट निर्णायक भूमिका निभाते हैं। लुटियन दिल्ली में हुई पंचायत में गृहमंत्री अमित शाह को चौधरी बोलकर उन्होंने यूपी चुनाव को लेकर एक बहुत ही बड़ा संकेत दे दिया है। कृषि कानूनों के विरोध के बाद अब यूपी विधानसभा चुनाव से पहले जाटों को अपने पक्ष में करने की कोशिश सभी राजनीतिक दलों की जारी है। हालांकि इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई जाटों की पंचायत ने दिल्ली से लेकर लखनऊ तक की चुनावी गर्मी को और बढ़ा दिया है।
आपको बता दें कि सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर यह बैठक हुई। इसमें बड़ी संख्या में पश्चिमी यूपी के कई जिलों के जाट नेता शामिल हुए। इस दौरान राज्यमंत्री संजीव बाल्यान ने मुजफ्फरनगर दंगों में जाटों के खिलाफ सपा सरकार द्वारा दर्ज करवाए गए सैकड़ों मुकदमों का जिक्र किया। इसी के साथ कहा कि यदि इस पूरी कौम पर किसी का अहसान है तो वह अमित शाह का है। छह हजार से अधिक मामले दर्ज थे सभी वापस लिए गए और 1100 से अधिक लोगों को जेल से बाहर लाया गया। सभी के साथ सौ फीसदी न्याय हुआ। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि अमित शाह से ज्यादा लाड़ और लगाव कोई भी जाटों से नहीं करता।
जाटों ने कहां अमित शाह हमारे लिए गृहमंत्री बाद में चौधरी पहले
बैठक में जाट नेताओं ने खुलकर अपनी बात गृहमंत्री अमित शाह के सामने भी रखी। उन्होंने कहा कि अमित शाह हमारे लिए गृहमंत्री बाद में हैं पहले ये हमारे चौधरी हैं। इसके बाद सभी ने अमित शाह जिंदाबाद के नारे भी लगाए।
इस बात को लेकर दिखी नाराजगी
बैठक में जाट नेताओं को कैबिनेट मंत्री पद न मिलने और आरक्षण न मिलने को लेकर नाराजगी भी दिखी। हालांकि अमित शाह को चौधरी बोलकर जाटों ने संकेत दे दिया है। इसका असर चुनाव में जरूर दिखेगा।