अमेठी में कोरोना डॉक्टर बना बोलेरो ड्राइवर..

पिछले 24 घंटो में आई कोरोना रिपोर्ट की माने तो ये आंकड़ा 93 हजार 249 रहा.. लेकिन अमेठी में जो हो रहा उससे इस बात पर यकीन कर पाना की वाकय में कोरोना बढ़ रहा है या फिर ये सारे रिपोर्ट फर्जी है.. क्योकि यहां के डॉक्टर खुद तो छोड़ियें अपने स्टाफ या नर्स से नहीं बल्कि अस्पताल में मरीजों को लेने जाने वाले बोलरो और एम्बुलेंस चालको से ही लोगो की कोरोना जांच करा रहें है.. यूपी के सबसे वीआईपी जिले अमेठी में सरकार को कोरोना की फर्जी जांचे सौपी जा रही है… ऐसा सीएचसी अमेठी में बोलोरो जीप ड्राइवर जितेंद्र कुमार जायसवाल कह रहें है..
अमेठी में ये अफवाह उड़ी की जिले में कोरोना के फर्जी जांच हो रही है, डॉक्टर इसे एक बोलोरो ड्राइवर से करवा रहें है, और हालही में जिले के रेलवे स्टेशन पर पीपीकिट में नजर आए एक व्यक्ति की फोटो भी इस वक्त काफी वायरल हो रही है.. वहीं मामले की तह तक जाने पर पता चला की ये बात कई हद तक सच है.. बोलेरो ड्राइवर जितेंद्र ने बताया की उसने ही पूरे कोरोना काल में लोगो की जांच की, हालाकीं उसने जांच करने से मना भी किया लेकिन फिर उसे जिले के मुख्य चिकित्सालय में तैनात सीएचसी अधीक्षक प्रवीण कुमार उपाध्याय ने ये धमकी दी की अगर वो ऐसा नहीं करता है तो उसकी बोलेरो को निकाल दिया जाएगा..
बेरोजगारी के डर से जितेंद्र ने मजबुरन ये काम किया, हालांकि इस वाक्ये के बाद ही सीएमओ ने मामले की जांच के लिए दो टीमो का गठन कर दिया है… लेकिन अब सोचने वाली बात तो ये है की अगर अमेठी में ऐसा कुछ हो रहा था और डॉक्टर खुद ये काम करवा रहें है तो इस दौरान वहां के आलाअधिकारियों ने इस बात की पुष्टी क्यों नहीं की.. क्या कोरोना की जांच के लिए टीम का गठन नही किया गया था या फिर अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी की ही तरह जिले के डॉक्टर भी लोगो के पास आने से कतराते है..

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