अमेठी में सरकार छिपा रही कोरोना के आंकड़े !

नमस्कार मैं हूं खुशबू पाण्डेय.. कोरोना ने इस वक्त वो रूप बना लिया है उसकी सच्चाई अगर लोगो को सही सही दिखा दी जाएत यकीनन उनकी रुह काप जाएगी.. भारत में कोरोना वायरस ने बहुत बड़े संकट की शक्ल ले ली है… महामारी से मौतों की वास्तविक संख्या 5 गुना अधिक है.. औऱ ऐसा हम नहीं बल्कि भारतीय विशेषज्ञो का कहना है… अस्पताल भर चुके हैं, ऑक्सीजन सप्लाई कम पड़ रही है, और मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते करते ही दम तोड़ दे रहे हैं… हमारा मक्सद आपको डराना नहीं है बल्कि इस महामारी को गंभीरता से लेने का है…
विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना से हुई मौतो की संख्या यकीनन आपको विचलित कर सकती है, फिर भी वायरस के फैलाव की सही स्थिति लोगो को नहीं दिखाई जा रही है…खबरिया वैबसाइट दैनिक भास्कर पर छपी खबर के मुताबिक डेटा छिपाने के लिए राज्यों पर केंद्र सरकार का दबाव पड़ रहा है… मौतो का आंकड़ा छुपाया जा रहा ये इन तस्वीरो से साफ नजर आ सकता है.. लोगो को जलाने के लिए शमशान में लकड़िया कम पड़ रही है तो वहीं कब्रिस्तान में कब्र खोदने वाले कम पड़ रहे है.. और ये हम यूं ही नहीं बता रहे ये शमशान और कब्रिस्तान में काम करने वाले कर्मचारी ही बता रहे है… उनका कहना है की मौतों की सही संख्या सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है..दैनिक भास्कर के मुताबिक यूपी हो या महाराष्ट्र देश में इस वक्त लगभग हर जगह हाहाकार मचा हुआ है.. यूपी की बात करें तो अभी कुछ दिनो पहले ही हमने आपको दिखाया था की कैसे राजधानी लखनऊ में मौजूद बैकुण्ड धाम की तस्वीरो से पूरा प्रदेश सहम गया था, यहां रोजाना तकरीबन 90 से भी अधिक लोगो की मौत हो रही है, लेकिन सरकारी कागजों पर ये आंकड़ा बहुत नीचे है.. वहीं अगर बात करें यूपी के वीआइपी जिले अमेठी की तो यहा भी कोरोना से हो रही मौतो का आंकड़ा छुपाया जा रहा है.. अमेठी में हालही में एक ही घर के 4 लोगो की कोरोना की वजह से मौत हो गई.. लेकिन सरकारी कागजों पर ये आकड़ा 1 रहा.. वहीं सुत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक यहां तो एक ही अस्पताल से करीब 20 लोगो की मौत हो गई ऑक्सीजन की कमी की वजह से लेकिन इसके बाद भी सरकारी कागजों पर इस दिन का आंकड़ा महज 3 रहा… इसी तरह से सुल्तानपुर मे भी हो रहा है यहां भी मौतो का आंकड़ा लोगो से छुपाया जा रहा है…
यकीनन ये आंकड़े आपको विचलित कर सकते है लेकिन हकीकत यहीं है की इस वक्त हर तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है.. लेकिन प्रशासन अभी भी इन सभी चीजो पर चुप्पा साधे हुए है.. देशभर में सामूहिक अंतिम संस्कार हो रहे हैं… कई बार दर्जनों चिताएं एक साथ धधकती हैं.. जबकि दूसरी ओर, भारत का वैक्सीन लगाने का अभियान घिसट रहा है… विश्व का प्रमुख वैक्सीन निर्माता होने के बावजूद अब तक देश में सिर्फ 10% भारतीयों को ही वैक्सीन लग पाई है..

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