अमेरिका और यूरोपीय देशों में कोरोना (Coronavirus In America And Europe) का कहर एक बार फिर बढ़ रहा है. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) के कारण हालात बिगड़ रहे हैं. अमेरिका के मिशिगन राज्य में अस्पतालों पर मरीजों का बोझ इतना बढ़ गया है कि अस्पताल में वेंटिलेटर्स की बेहद कमी है. बीते 24 घंटे में मिशिगन में 11,783 नए मामले पाए गए हैं, जबकि 235 लोगों की मौत हो गई है. वहीं इंडियाना में बीते दो हफ्तों में 49 फीसदी ज्यादा मामले पाए गए हैं. अस्पतालों में व्यवस्था बरकरार रखने के लिए नेशनल गार्ड्स बुलाए गए हैं.
अमेरिका में ओमिक्रॉन वेरिएंट के अब तक 43 मामले पाए जा चुके हैं. जानकारों का मानना है कि सर्दी बढ़ने की वजह से मामले बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि क्रिसमस के चलते बाजारों में भीड़ भी बहुत है, ऐसे संक्रमण तेजी से फैल रहा है. दूसरी ओर स्विटजरलैंड में एक बार फिर लॉकडाउन जैसे हालात पैदा हो रहे हैं. ब्रिटेन में भी कोरोना के मामलों में तेजी दर्ज की जा रही है. यूरोपीय देश जर्मनी में डॉक्टर्स ने कहा है कि देश के नागरिकों को कोविड रोधी टीके की चौथी डोज दी जाए. जर्मनी में अभी तक 11 लाख लोगों को कोविड रोधी टीके की तीसरी खुराक दी जा चुकी है.
ब्रिटेन में कहर ढा सकता है ओमिक्रॉनः विश्लेषण
वहीं ब्रिटेन में एक नए वैज्ञानिक विश्लेषण में चेतावनी दी गई है कि यदि लोगों के सामाजिक रूप से एकत्र होने पर रोक नहीं लगाई गई तो देश अगले साल जनवरी से कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से ‘उत्पन्न’ संक्रमण की ‘बड़ी लहर’ का सामना कर सकता है. लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) के विश्लेषण में कहा गया है कि जिस दर से वर्तमान में इंग्लैंड में संक्रमण बढ़ रहा है, उसका नतीजा अंततः अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में भारी वृद्धि के रूप में निकलेगा.
नया वैज्ञानिक विश्लेषण ऐसे समय आया है, जब ब्रिटेन में ‘ओमिक्रॉन’ से जुड़े 448 नए मामले सामने आए. इसके साथ ही देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से जुड़े मामलों की कुल संख्या 1,265 हो गई है. विश्लेषण से जुड़े वैज्ञानिकों ने कहा है कि देश में जो स्थिति है, उसे देखकर लगता है कि यदि लोगों के सामाजिक रूप से एकत्र होने पर रोक नहीं लगाई गई तो अगले साल जनवरी से ब्रिटेन को ओमिक्रॉन से उत्पन्न एक बड़ी लहर का सामना करना पड़ सकता है.
अध्ययन से संकेत मिलता है कि ‘ओमिक्रॉन’ से जुड़े मामलों की संख्या ‘डेल्टा’ वेरिएंट से जुड़े मामलों से आगे निकल सकती है. अमेरिका सहित यूरोप के देशों में अभी डेल्टा वेरिएंट से जुड़े मामलों की अधिकता है, लेकिन ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.