मामला सुल्तानपुर का है, जहाँ पर हमेशा सुर्खियों में बने रहने वाले सोनू मोनू का मामला सामने आया हैं। एक बार फिर चंद्र भद्र सिंह सोनू और यशभद्र सिंह मोनू दोनों ही सुर्खियों में छाये हुए है। जिसकी वजह है एक घर पर कब्जेदारी।दरअसल एक घर पर कब्जे को लेकर सोनू और मोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके बाद से उन दोनो की दिक्कतें एक बार फिर बढ़ गई हैं।
आखिर क्या था मामला
ये मामला 25 फरवरी की सुबह करीब 9 बजे का है। जहाँ कूरेभार थाना इलाके में रहने वाले बनारसी कसौधन के घर में एक जीसीबी घुस गई थी। जिसकी वजह से बनारसी के घर की दीवार गिर गई। उसके बाद पड़ोस में ही रहने वाले किसी शख्स ने पुलिस को फोन पर मामले की जानकारी दी जिसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई और पीड़ित बनारसी कसौधन को मामले की पूछताछ करने के लिए अपने साथ ले गयी।
अगले दिन बनारसी कसौधन की तहरीर पर पूर्व विधायक चंद्र भद्र सिंह सोनू और पूर्व ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू के खिलाफ जबरन जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
इसके बाद इस मामले में एक बेहद ही अजीब बात देखने को मिली। जब अचानक ही पीड़ित मीडिया के सामने आया।
दरअसल पीड़ित ने मीडिया के सामने बयान दिया तब उन्होंने बताया की उन्होंने कभी भी सोनू मोन के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया था और ना ही कोई शिकायत की थी।
इतना ही नहीं बनारसी कसौधन का कहना है की पुलिस 25 फरवरी के दिन ज़बरदस्ती उन्हें अपने साथ थाने ले गई थी और फिर वहां एक सादे कागज पर उन से दस्तखत करवा लिया था।
इसके बाद बनारसी कसौधन अपने घर लौट गए थे लेकिन अगले ही दिन उन्हें पता चला कि कूरेभार थाने में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें उन्हे वादी तो सोनू मोनू को आरोपी बनाया गया है। इसके बाद तुरंत ही बनारसी कसौधन ने खत लिखकर सीएम योगी, से लेकर डीएम सुल्तानपुर से गुहार लगाई है कि ये मुकदमा पूरी तरह फर्जी है।