सपा का गढ़ कही जाने वाली आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव इसी हफ्ते होने जा रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर धर्मेंद्र यादव को उतारा गया है। सपा के लिए सीट बचाना चुनौती बन गया है। इसी का असर है कि गठबंधन के साथी सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर और रालोद के प्रमुख जयंत चौधरी भी आजमगढ़ पहुंचे हुए हैं। सपा महासचिव रामगोपाल यादव पहले से आजमगढ़ में डेरा डाले हुए हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के गढ़ आजमगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बाद अब राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने उनकी पार्टी को जोर का झटका दिया है. राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने यहां बसपा प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को अपना समर्थन दिया है. वहीं आरयूसी का समर्थन मिलने के बाद बसपा प्रत्याशी ने दावा किया कि यह उनकी जीत का सर्टिफिकेट है. आरयूसी का आजमगढ़ के सदर, मुबारकपुर और गोपालपुर विधानसभा सीट पर खासा प्रभाव है और यही कारण है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में आरयूसी के समर्थन से बसपा 4 सीट जीतने में कामयाब हुई थी. यह अलग बात है कि समाजवादी पार्टी इस समर्थन से बसपा प्रत्याशी को कोई फायदा नहीं होने का दावा कर रही है और अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है.
आजमगढ़ जिले में लोकसभा उपचुनाव के लिए 23 जून को मतदान होना है, जिसे लेकर अब सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. एक तरफ जहां 2 दिन पूर्व सपा के संस्थापक सदस्य व पूर्व विधायक राम दर्शन यादव ने भाजपा का दामन थाम लिया था तो वहीं दूसरी तरफ सोमवार को राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली को समर्थन का ऐलान कर दिया.