पीएम नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का यह 74वां संस्करण था। जिसमें उन्होंने रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से देश की जनता को संबोधित किया।
Mann Ki Baat में पीएम मोदी ने कहा कि पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमें पानी को लेकर अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कहा जाता है कि पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है। वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है। पानी के संरक्षण के लिए हमें अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए, 22 मार्च को विश्व जल दिवस भी है।
पीएम मोदी ने कहा, इस बार हरिद्वार में कुंभ भी चल रहा है। जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है।
Mann Ki Baat कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि कल माघ पूर्णिमा का पर्व था। माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है। माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है।
पीएम मोदी ने कहा, “जब भी माघ महीने और इसके आध्यात्मिक और सामाजिक महत्त्व की चर्चा होती है तो ये चर्चा एक नाम के बिना पूरी नहीं होती ये नाम है संत रविदास जी का, और माघ पूर्णिमा के दिन ही संत रविदास जी की जयंती भी होती है।”