आज हम देश में जिन राज्यों को देखते हैं, वो आजादी के समय थे ही नहीं. उनका अस्तित्व और क्षेत्रफल एकदम अलग तरीके से था. देश में राज्यों का पुर्नगठन कई स्तरों पर और कई बार में किया गया. शुरुआत में अलग अलग इलाकों में रियासतों को मिलाकर संघ बनाया गया. फिर राज्य पुर्नगठन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार राज्यों को फिर पुर्नगठित किया गया. देश की आजादी के बाद से ये काम शुरू हुआ था. अब देश में कई हिस्सों में कई राज्यों को अलग हिस्सों में बांटकर नए राज्य बनाने की मांग जोर पकड़ती रही है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि 01 नवंबर और 26 जनवरी के दिन ही सबसे ज्यादा राज्यों का पुर्नगठन करके उन्हें नया अस्तित्व दिया गया.
राजस्थान राज्य का गठन 30 मार्च 1949 को हुआ था. वैसे राजस्थान भी कई बार इस तरह से हरकत में आया. आजादी के बाद वहां पहले कोटा, बूंदी, डूंगरपुर समेत 09 राज्यों का राजस्थान संघ बना. फिर 30 मार्च 1949 को इसमें चार बड़े राज्य जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर शामिल हुए. इसे वृहद राजस्थान कहा गया. फिर इसमें अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली को मिलाकर बनाए गए मात्स्य संघ को भी मिला दिया गया.
असम राज्य की स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई थी. हालांकि उसके बाद से इसके आकार में कई बार बदलाव हुआ. कभी ये पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा राज्य था. फिर इसी को काटकर नागालैंड, मिजोरम और मेघालय जैेसे राज्यों की रचना की गई.