आज हम देश में जिन राज्यों को देखते हैं, वो आजादी के समय थे ही नहीं. उनका अस्तित्व और क्षेत्रफल एकदम अलग तरीके से था. देश में राज्यों का पुर्नगठन कई स्तरों पर और कई बार में किया गया. शुरुआत में अलग अलग इलाकों में रियासतों को मिलाकर संघ बनाया गया. फिर राज्य पुर्नगठन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार राज्यों को फिर पुर्नगठित किया गया. देश की आजादी के बाद से ये काम शुरू हुआ था. अब देश में कई हिस्सों में कई राज्यों को अलग हिस्सों में बांटकर नए राज्य बनाने की मांग जोर पकड़ती रही है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि 01 नवंबर और 26 जनवरी के दिन ही सबसे ज्यादा राज्यों का पुर्नगठन करके उन्हें नया अस्तित्व दिया गया.