यूपी के उन्नाव जिले के बबुरहा गांव में दो दिन पहले संदिग्ध हालातों में मरीं पाई गईं दलित नाबालिग लड़कियों का अंतिम संस्कार भारी सुरक्षा और उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में शुक्रवार की सुबह कर दिया गया। सुबह नौ बजे शव यात्रा निकली तो गांव वाले फफक पड़े। गांव से बाहर दोनों शवों दफनाया गया है। एक बेटी के अंतिम संस्कार के बाद दूसरी बेटी के लिए उसके भाई का इंतजार किया जा रहा था। परिवारवालों का कहना था कि लड़की का भाई सूरत से आ रहा है। वह कुछ घंटों में यहां पहुंच जाएगा लेकिन प्रशासन ने परिवार को समझा बुझाकर दूसरी बेटी का भी अंतिम संस्कार करा दिया।
लखनऊ मंडल के कमिश्नर रंजन कुमार, आईजी लक्ष्मी सिंह, डीएम रविंद्र कुमार और एसपी आनंद कुलकर्णी सुबह ही गांव पहुंच गए। पुलिस सुबह से ही अंतिम संस्कार करने की तैयारी करने लगी थी। गांव में सियासी दलों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों का जमावड़ा रहा। डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि शांति तरीके से शव दफनाने की प्रक्रिया पूरी की गई, इस दौरान परिवार के लोग मौजूद रहे।
दोनों लड़कियों के शव मिलने के बाद से ही पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद दोनों शव गुरुवार शाम गांव लाए गए थे। परिवार ने डीएम से सुबह अंतिम संस्कार करने की बात कही थी। प्रशासन ने मृतकों के घर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
जहर मिला खाना खाने से हुई मौत
पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों का कहना है कि दोनों लड़कियों की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई है। दोनों ने मौत से करीब 6 घंटे पहले खाना खाया था। दोनों के पेट में 100 से लेकर 80 ग्राम तक खाना मिला है। खाने में जहर होने की वजह से मौत हो गई। मृृत लड़कियों के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला है।
मृत पाई गई दोनों लड़कियों के पोस्टमार्टम के लिए प्रशासन ने चार डॉक्टरों का पैनल बनाया था। गुरुवार को दोनों का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद सीएमओ और एसपी ने जहर से मौत की तस्दीक करते हुए बताया कि आगे की जांच के लिए विसरा सुरक्षित रखा गया है। तीसरी लड़की की हालत गंभीर है। उसका इलाज सरकारी खर्च पर कराने का ऐलान सीएम ने किया है। एक किशोरी के पिता की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।