बेरोजगारों की बढ़ती भीड़ के बीच होनहारों के हिस्से की नौकरियां छीनने में जालसाज कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वे लगातार अपने मंसूबे में कामयाब हो रहे हैं। जब तक एसटीएफ या फिर पुलिस को खबर हो रही है तब तक कई अभ्यर्थियों को वह पास कराने में कामयाब हो जा रहे हैं। अब जो रंगे हाथ नहीं पकड़े गए हैं उनके खिलाफ तो कार्रवाई भी ठंडे बस्ती में चली जा रही है। वजह नकल कर पास अभ्यर्थियों की मार्कशीट व अन्य दस्तावेज सही है तो फिर उनका जालसाजी करना साबित नहीं हो पा रहा है।
पिछले दो दिनों में एसटीएफ ने दो अलग-अलग गिरोह का खुलासा किया जिसमें ऑनलाइन सेंटर से जुड़े जालसाजों के साथ ही मास्टर माइंड के तौर पर लेखपाल-बिजली कर्मचारी और एकाउंटेंट का नाम भी सामने आ चुका है। एसटीएफ ने इनमें से आठ लोगों को दबोचा है पर पांच लोग अभी भी फरार हैं। वहीं एक आंकड़े के मुताबिक उन्होंने दरोगा भर्ती सहित अन्य परीक्षा में अब तक 144 लोगों को पास कराने के लिए जालसाजी की है। कुछ परीक्षा में पास हो गए हैं तो ज्यादातर का रिजल्ट आना अभी बाकी है।
कुछ साल पहले तक सबसे बड़ी चुनौती सॉल्वरों को इन परीक्षा केन्द्रों पर घुसपैठ को लेकर भी था पर अब तो जालसाज कम्प्यूटर हैक कर एप या फिर एनी डेस्क के माध्यम से भी परीक्षा सॉल्व करा रहे हैं। हालांकि कुछ परीक्षाओं में अभी भी सॉल्वरों का घुसपैठ कराने का सिलसिला जारी है। इसके लिए केन्द्र संचालक से लेकर परीक्षा की व्यवस्था में जुड़े अन्य लोगों से जालसाजों की सांठगांठ हो रही है। दरोगा भर्ती परीक्षा में 15 और 16 नवम्बर को जालसाजों ने दो सॉल्वरों को परीक्षा में बैठाया था। असली अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक कराकर उसे बाहर निकालने के बाद साल्वर को उसकी जगह अंदर भेजा गया था। हालांकि एसटीएफ उन्हें नहीं पकड़ पाई है। दरोगा भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद यह बात सामने आई थी।