ऐसा कौन होगा जिसने करौंदा का नाम नहीं सुना होगा.. करौंदा का नाम सुनते ही जरूर आपके मुँह में पानी आ जायेगा, क्योंकि आम तौर पर घरों में इससे सब्जी, चटनी, मुरब्बा और अचार बनाया जाता है, जिसे लोग काफी ज्यादा पसंद भी करते है.. लेकिन क्या आपको पता है की करौंदा ना सिर्फ स्वाद के लिए ही जाना जाता है बल्कि इसके औषधीय गुण भी अनगिनत होंते है, जिससे आप कई सारी बीमारिंयों का इलाज कर सकते है… आज के हमारे इस सेगमेंट में हम बात करेंगे करौंदे कुछ इन्हीं बेजोड़ फायदो की…
करमर्द या करौंदा की हमेशा हरी-भरी रहने वाली झाड़ी होती है… करौदें के फल पकने के बाद काले पड़ जाते हैं.. इसलिए इसको कृष्णपाक फल भी कहते हैं.. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन करौंदा का औषधीय गुण दांत के बीमारियों के इलाज के लिए बहुत उपयोगी होता है… इसके फल की चटनी बनाकर खाने से मसूड़ों संबंधित रोगों से राहत मिलती है.. वहीं इससे शीताद रोग या स्कर्वी का इलाज भी किया जा सकता है… करौंदा का औषधीय गुण स्कर्वी के लक्षणों से राहत दिलाने में सबसे ज्यादा काम करता है.. इसके लिए आपको करौंदे के 1-2 फलों का नियमित सेवन करना होगा.. वहीं इससे सूखी खांसी से भी आराम मिलता है.. इससे राहत पाने के लिए 5 मिली करौंदा के पत्ते के रस में शहद मिलाकर चटाने से सूखी खांसी से राहत मिलती है.. और तो और इससे अतिसार या दस्त को भी रोका जा सकता है.. साथी ही साथ इससे ज्यादा प्यास लगने की समस्या को भी दूर किया जा सकता है… इसके लिए आपको करौंदे के फल से बने 1-2 ग्राम चूर्ण का सेवन करना होगा… वहीं इससे पेट दर्द की समस्या से भी निजात मिलता है…. इसके लिए आपको करौंदे के फूल के चूर्ण या जड़ के चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करना होगा… वहीं इससे जलोदर के उपचार में फायदा पहुंचाता है… वहीं इससे त्वचा संबंधी समस्याओं का इलाज भी किया जा सकता है… करौंदे के पके फल या जड़ को पीसकर लगाने से पामा, खुजली और दाह से त्वचा विकारों से आराम मिलता है.. वहीं अगर बुखार कम होने का नाम नहीं ले रहा है तो करौंदे के पत्तों का काढ़ा बनाकर, 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से बुखार सही हो जाता है.. इसी के साथ ही पैरों के फटने पर भी करौंदे से फायदा लिया जा सकता है.. सबसे जरूरी बात ये है की इससे मिर्गी का भी इलाज मुमकिन है.. इसके लिए आपको 5 ग्राम करौदों के पत्तों को पीसकर दही के साथ मिलाकर खाना होगा