इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल के प्रमुख और कांग्रेस नेता तौकीर रजा ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने दावा किया है कि मंदिरों को तोड़ा नहीं गया था, बल्कि बड़ी संख्या में इस्लाम ग्रहण करने वाले लोगों ने अपने पूजा स्थलों को मस्जिद में बदल दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसे मस्जिदों को ना छुआ जाए।
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर अपनी बात रखते हुए तौकीर रजा ने मंगलवार को कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में जो मिला उसे शिवलिंग कहना असल में हिंदुत्व का मजाक उड़ाना है। देश में ऐसे कई मस्जिद हैं जहां पहले मंदिर थे। इन मंदिरों को तोड़ा नहीं गया, जब लोगों ने इस्लाम कबूल किया तो बस इन्हें बदल (मस्जिदों में) दिया गया। तौकीर रजा ने कहा कि मस्जिदों को ना छुआ जाए। यदि सरकार जबरन कुछ करती है तो मुसलमान सरकार का विरोध करेंगे।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ”मुस्लिम कानूनी लड़ाई नहीं चाहते हैं क्योंकि वे बाबरी मस्जिद का फैसला देख चुके हैं। इस बार हम किसी कोर्ट में अपील नहीं करेंगे। नफरत बेचने वालों देश के हर मस्जिद में फव्वारे के साथ शिवलिंग मिलेगा। यदि उनका बस चले तो वह सब पर अतिक्रमण करेंगे। हम देखना चाहूंगा कि ये लोग कहां रुकते हैं। देश में शांति रखने के लिए मुसलमान चुप रहे हैं।”
आला हजरत खानदान के सदस्य मौलाना तौकीर ने कहा कि सरकार को फाउंटेन और शिवलिंग में अंतर समझ नहीं आता है। बाबरी मस्जिद पर हमने सब्र किया अब नहीं करेंगे। ज्ञानवापी मसले पर जबर्दस्ती की गई तो सरकार को विरोध झेलना होगा। मोहल्ला सौदागरान स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मौलाना तौकीर ने कहा कि हिन्दू धर्म का मजाक उड़ाया जा रहा है। फव्वारा (फाउंटेन) को शिवलिंग बताया जा रहा है। ये चाहते हैं कि हिन्दुस्तान में एक और बंटवारा करवाया जाए। तौकीर ने कहा कि हर हौज में ऐसा शिवलिंग पाया जाता है। इस तरह हुकूमत हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहती है। इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं। हमारी मजबूरी को कमजोरी न समझें। उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद के हौज का फोटो लीजिए, नौमहला मस्जिद में भी पत्थर मौजूद हैं। ऐसे मसले पैदा कर हिन्दू-मुसलमानों को उलझाया जा रहा है।