बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने कांशीराम के जन्मदिन पर मंगलवार को कहा कि यह चमचा युग है। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बामसेफ, डीएस-4 और बसपा के संस्थापक कांशीराम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि अपने खून-पसीने से अर्जित धन के बल पर डटे रहना कोई मामूली बात नहीं है।
मायावती ने कहा कि देश में करोड़ों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अन्य अपेक्षितों को लाचारी और मजलूमी की जिंदगी से निकालकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के बीएसपी के संघर्ष में दृढ़ संकल्प के साथ लगातार डटे रहना ही मान्यवर कांशीराम जी को सच्ची श्रद्धांजलि है।” मायावती ने कहा कि उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आत्मसम्मान और स्वभिमान के मानवतावादी मूवमेंट को जीवंत बनाने के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष किया और अनंत कुर्बानियां दीं। इसके बल पर काफी सफलता भी अर्जित की और देश की राजनीति को नया आयाम दिया।
मायावती ने कांशीराम की यादव में किए गए कामों का जिक्र करते हुए कहा, ”ऐसे महापुरुष की यादों को चिर स्थाई बनाने के लिए बीएसपी की यूपी में रही सरकारों के दौरान उनके नाम पर अनेक भव्य स्थलत, पार्क, शिक्षण संस्थान, अस्पताल और आवासीय कॉलोनी आदि बनाए गए और जनकल्याणकारी योजनाएं चलाईं गईं। राजधानी लखनऊ में स्थापित मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक इनमें सर्वप्रमुख है।”
यूपी में हाल ही में मिली हार के बीच मायावती ने कहा, ”वास्तव में यह वर्तमान में जारी चमचा युग में बाबा साहेब डॉ. अबेडर के मिशनरी कारवां के प्रति तन, मन की लगन और धन्नासेठों के धनबल की जकड़ के बजाय अपने खून पसीने से अर्जित धन के बल पर डटे रहना कोई मामूली बात नहीं है, बल्कि बड़ी बात है, जो इस मूवमेंट की ही देन है और जिसके बल पर बीएसपी ने खासकर यूपी में कई ऐतिहासिक सफलताएं भी अर्जित की हैं। आगे भी हमें हर हाल में अपने उसूलों के साथ संघर्ष में लगातार डटे रहना है।”