प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर शुक्रवार की रात अचानक अपनी काशी को निहारने सड़कों पर निकल पड़े। थकानभरा रोडशो करने के बाद भी आराम करने के बजाय वह सबसे पहले कैंट स्टेशन पहुंचे। यहां बने वीआईपी लाउंज को देखा और वहां मौजूद यात्रियों के साथ ही स्टॉल के कर्मचारियों से बातचीत की। यहां से वाराणसी के उत्तर में स्थित अंतिम गंगा घाट खिड़किया घाट पर पहुंचे। इस दौरान हर जगह मोदी-मोदी और जय श्रीराम गूंजता रहा।
दो दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचे पीएम मोदी ने रोडशो के साथ अपने कार्यक्रम की शुरुआत की। मलदहिया से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक रोड शो किया। वहां से बरेका गेस्ट हाउस जाते समय अचानक चाय की दुकान पर रुके और चाय पीने के साथ ही पड़ोसी दुकान पर जाकर पान भी खाया।
इसके बाद बरेका गेस्ट हाउस पहुंचे और वहां पर कुछ मिनट ही रुकने के बाद दोबारा काशी की सड़कों पर निकल पड़े। बरेका से सबसे पहले पीएम मोदी वाराणसी के कैंट स्टेशन पहुंचे। यहां के वीआईपी लाउंज का निरीक्षण किया और यात्रियों से बातचीत की। स्टेशन से पीएम मोदी का काफिला गंगा घाट की ओर रवाना हुआ।
वह खिड़किया घाट पहुंचे। यहां पर गंगा का काफी देर तक पीएम मोदी ने निहारा। एक-एक चीज को बहुत करीब से देखा। धर्मेद्र प्रधान को अपने पास बुलाने के बाद हाथों से इशारा करके काफी देर तक बातचीत भी करते रहे। माना जा रहा है कि वहां हुए निर्माण को लेकर कुछ दिशा निर्देश दिया गया है।
बनारस में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह ही खिड़किया घाट भी पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। खिड़किया घाट ऐसी जगह पर मौजूद है जहां सभी तरह के वाहन जा सकते हैं। रेल और सड़क मार्ग के साथ ही यहां के ठीक सामने डोमरी में हेलीपैड भी बनाए गए हैं। नावों में सीएनजी के लिए एक पंप का भी यहां निर्माण किया गया है।