किसानों की नाराजगी का सियासी लाभ लेने में सफल रही कांग्रेस, अब कहां-कहां मिल सकता है फायदा?

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब के स्थानीय निकाय के चुनावों में जीत से कांग्रेस उत्साहित है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की नाराजगी सियासी तौर पर पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हुई। इस जीत के बाद कांग्रेस दूसरे प्रदेशों में भी किसानों का भरोसा जीतने की कोशिश तेज करेगी, ताकि खुद को मजबूत कर सके।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन करीब तीन माह से जारी है। ऐसे में आंदोलन के बीच हुए पंजाब स्थानीय निकाय के चुनाव को लिट्मस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा था। इन चुनाव में कांग्रेस जहां आठ में छह नगर निगमों पर कब्जा करने में सफल रही है, वहीं बठिंडा में पार्टी ने 53 साल बाद नगर निगम में जीत दर्ज की है।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम इस समर्थन को बरकरार रखने में सफल रहते हैं, तो अगले विधानसभा चुनाव में जीत मुश्किल नहीं है। क्योंकि, कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल और भाजपा का गठबंधन टूटने का भी कांग्रेस को फायदा मिला। वहीं, आम आदमी पार्टी का असर भी कम हुआ है।

पंजाब में किसानों की नाराजगी का चुनाव परिणामों पर असर के बाद दूसरे प्रदेशों में विपक्षी पार्टियों के बीच होड़ तेज होगी। किसानों की नाराजगी को वोट में बदलने के लिए संगठन होना बेहद जरूरी है। पंजाब में कांग्रेस इसलिए फायदा लेने में सफल रही, क्योंकि उसके पास हर वार्ड और गांव में संगठन मौजूद है।

कांग्रेस किसानों का भरोसा जीतने में लगी
किसान आंदोलन का असर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ज्यादा है। पंजाब के साथ हरियाणा और राजस्थान में भी कांग्रेस का संगठन मजबूत है। पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन कमजोर है, यही वजह है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा किसान पंचायतों में हिस्सा लेकर भरोसा जीतने की कोशिश कर रही है। रालोद भी हर जिले मे पंचायत कर किसानों का समर्थन हासिल करने में जुटी है।

हरियाणा में भाजपा सरकार पर दबाव बढ़ेगा
पंजाब स्थानीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस की जीत से हरियाणा में भाजपा सरकार पर दबाव बढ़ेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार का समर्थन कर रही जजपा को अपनी रणनीति पर नए सिरे से विचार करना पड़ सकता है। भाजपा भी यह समझ रही है। इसलिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जाट लैंड कहे जाने वाले पश्चिमी यूपी, हरियाणा और राजस्थान के नेताओं से चर्चा की है।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी असर की उम्मीद
कांग्रेस का कहना है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद करने और किसानों के आंदोलन के समर्थन से पार्टी अपना दायरा बढ़ाने में सफल रही है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी इसका कुछ असर होगा। ऐसे में जिस विपक्षी पार्टी का संगठन मजबूत होगा, वह किसानों की नाराजगी को वोट में बदलने में सफल रहेगी।

Khursheed Khan Raju

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