इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जंग छिड़ी हुई है और आज उसका चौथा दिन है। लेकिन पहले दिन इजरायल के साथ नजर आ रही कांग्रेस अब उसके खिलाफ हो गई है। रविवार को पार्टी ने बयान जारी कर इजरायल पर हमले की निंदा की थी। लेकिन अब उसका रुख बदला हुआ है और उसने फिलिस्तीन का समर्थन कर दिया है। कांग्रेस ने कार्यसमिति की बैठक के दौरान प्रस्ताव पारित हुआ कहा, ‘बीते दो दिनों में मिडल ईस्ट में शुरू हुई जंग में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। कार्यसमिति अपने पुराने स्टैंड को दोहराती है, जिसके तहत हम फिलिस्तीन के लोगों के उनकी जमीन पर हकों का समर्थन करते हैं। उनका हक है कि वे सम्मान और गरिमा के साथ रह सकें।’
कांग्रेस कार्यसमिति ने तत्काल युद्ध विराम से अपील की और कहा कि दोनों पक्ष बातचीत के जरिए मसले को सुलझा लें। इस तरह कांग्रेस के बयान में फिलिस्तीन का समर्थन तो किया गया है, लेकिन इजरायल पर हमले की निंदा नहीं की गई। वहीं इससे पहले रविवार को जयराम रमेश ने कांग्रेस की ओर से बयान जारी कर कहा था, ‘कांग्रेस इजरायल के लोगों पर हुए बर्बर हमले की निंदा करती है। कांग्रेस हमेशा यह मानती रही है कि फिलिस्तीन के लोगों को उनके अधिकार बातचीत के रास्ते से मिलने चाहिए। इसके लिए हिंसा का रास्ता ठीक नहीं है।’
दरअसल कांग्रेस का यह बदला स्टैंड उसकी ही केरल यूनिट के ऐतराज के बाद सामने आया। कांग्रेस ने जब इजरायल पर हमले की निंदा की तो उसका केरल कांग्रेस से विरोध उठा था। केरल कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा था कि यह गलत है और हमारे पुराने स्टैंड से अलग है। रमेश चेन्निथला ने कहा था कि इजरायल और फिलिस्तीन विवाद पर कांग्रेस का रुख ‘टू स्टेट’ का रहा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक केरल में बड़ी मुस्लिम आबादी है, जो उसे सपोर्ट करती है। फिलिस्तीन पर पार्टी के बदले रुख से उसे नुकसान हो सकता था। इसलिए रमेश चेन्निथला ने आपत्ति जताई और फिर कांग्रेस कार्यसमिति में प्रस्ताव पारित करके इजरायल के ही खिलाफ बयान जारी किया गया।