जम्मू कश्मीर पुलिस के एएसआई बाबूराम को गणतंत्र दिवस के मौके पर मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पत्र उनकी पत्नी और बेटे को सौंपा गया। वह घाटी में आतंकियों के लिए काल कहे जाते थे। उन्होंने 14 मुठभेड़ों में 28 दहशतगर्दों का खात्मा किया था। एसओजी में तैनात बाबूराम 23 अगस्त 2020 को अपने अंतिम अभियान में भी तीन आतंकियों का खात्मा करने में कामयाब रहे थे। इसके बाद ही वह शहीद हो गए। वह तकरीबन तीनों से 9 घंटों तक लड़ते रहे थे।
बाबूराम 1972 को घारना में जन्मे और उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद 1999 में कांस्टेबल के पद पर भर्ती ली। लंबे समय तक वह जम्मू कश्मीर पुलिस की एसओजी में तैनात रहे। पुलिस के अधिकारी के अनुसार अगस्त 2020 को श्रीनगर के बाहरी इलाका पंथा चौक में देर रात बाइक सवार आतंकियों ने 61 बटालियन सीआरपीएफ तक पुलिस की संयुक्त पार्टी पर गोलियां बरसाईं। इसके बाद वह मौके से भाग निकले। घटना के बाद ही सर्च ऑपरेशन शुरु किया गया। इस दौरान आतंकियों ने मकान में छिपकर फायरिंग शुरु कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी को मार गिराया गया। जबकि 2-3 अन्य आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी लगने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
एक आतंकी के मरने के बाद दो आतंकी घर में घुस गए। इसी बीच बाबूराम ने अपने दल के साथ मकान के अंदर दाखिल हुए जहां आतंकी मौजूद थे। उन्होंने मकान में फंसे लोगों को बाहर निकाला। लेकिन आतंकियों की फायरिंग में घायल हो गए। इसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।