बहन के हाथों में मेहंदी लगते देखना, डोली चढ़ते देखना और घर से विदा होकर ससुराल जाते देखना हर भाई का अरमान होता है, मगर एक भाई की यह कसक अधूरी रह गई और वह देश की सुरक्षा की खातिर आतंकियों से लोहा लेने के दौरान कुर्बान हो गया. मगर जब उस शहीद भाई के बहन की शादी की बारी आई तो सीआरपीएफ (CRPF) के साथी जवानों ने शहीद भाई की वह कसक पूरी कर दी. शादी (Wedding) के दौरान भले ही उस बहन के पास उसका अपना भाई नहीं था, मगर भारतीय सेना के जवानों की पूरी फौज हरपल उस दुल्हन का भाई बनकर दहलीज पर खड़ी थी.