वाराणसी की ज़िला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे की इजाज़त दे दी है. अदालत ने सर्वे के लिए दो वकीलों को कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया है. इस टीम को 17 मई तक रिपोर्ट सौंपने का समय दिया गया है.
कोर्ट के आदेश के मुताबिक निरीक्षण का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक तय किया गया है.
निरीक्षण कब शुरू होगा इस पर हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील सुधीर त्रिपाठी कहते हैं, “समय निश्चित कर दिया गया है लेकिन तारीख कमिश्नर जो हैं उन्हें तय करनी है कि वे किस दिन इसे करेंगे. वे चाहे तो हर रोज भी कर सकते हैं”
वकील सुधीर त्रिपाठी के मुताबिक, “कमिश्नर अजय कुमार 6 और 7 मई को निरीक्षण करने के लिए गए थे. उन्होंने मस्जिद के अंदर जाने की कोशिश की लेकिन लोगों के विरोध के कारण वो अंदर नहीं जा पाए थे.”
कोर्ट में कमिश्नर अजय कुमार को हटाने की मांग भी की गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. वकील सुधीर त्रिपाठी का कहना है, “कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई भी पक्ष उपस्थित नहीं रहता है तो भी कमीशन की कार्रवाई होगी.”
8 अप्रैल 2022 को निचली अदालत ने स्थानीय वकील अजय कुमार को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. उन्हें परिसर का निरीक्षण करने और उसकी वीडियोग्राफी करने के आदेश दिए थे.
कोर्ट का कहना है कि अगर मस्जिद का ताला बंद कर दिया गया है तो ज़िला प्रशासन को पूरा अधिकार होगा कि वो ताला खुलवाकर या तुड़वाकर कमीशन की कार्रवाई करवाएँ.
निरीक्षण कराने की व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी ज़िला मजिस्ट्रेट और पुलिस कमिश्नर को दी गई है. इसके साथ उत्तर प्रदेश के डीजीपी और मुख्य सचिव को भी कार्रवाई की निगरानी करने का आदेश दिया गया है.
फैसला आने के बाद याचिकाकर्ताओं में से एक रेखा पाठक का कहना है, “हम लोग अभी एक सीढ़ी आगे गए हैं अभी और सीढ़ी बाकी हैं.”