ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अब तक क्या-क्या मालूम है

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है. यह याचिका मस्जिद की मैनेजमेंट कमिटी ने दायर की है.

वाराणसी कोर्ट के निर्देश के बाद बीते शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे की शुरुआत हुई थी जिसके बाद लगातार तीन दिनों तक मस्जिद में सर्वे हुआ.

सोमवार को सर्वे के तीसरे और अंतिम दिन कोर्ट ने ज़िला प्रशासन को निर्देश देते हुए उस जगह को सील करने को कहा जहां सर्वे टीम को कथित तौर पर ‘शिवलिंग’ मिला था.

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शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के आगे ज्ञानवापी मस्जिद की मैनेजमेंट कमिटी की याचिका सुनवाई के लिए भेजी थी.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी शामिल हैं जो इस याचिका की सुनवाई करेंगे.

ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बीते तीन दिनों में लगातार कई घटनाक्रम बदले हैं. आइये जानते हैं कि शनिवार को सर्वे के पहले दिन से लेकर अब तक इस मामले में क्या कुछ हुआ है.

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पांच महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे वाले हिस्से में मां शृंगार गौरी की पूजा और दर्शन करने की मांग की थी.

12 मई को वाराणसी कोर्ट की एक बेंच ने ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफ़ी और सर्वे करने का आदेश दिया था.

वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने बीबीसी संवाददाता अनंत झणाणें से कहा था, “बनारस में सिविल कोर्ट द्वारा एक आदेश दिया गया था, जिसके मद्देनज़र ज्ञानवापी क्षेत्र और उसके आस-पास के इलाक़े में एक कोर्ट कमीशन की कार्यवाही की जानी थी. कमीशन की कार्यवाही सुबह आठ बजे से बारह बजे तक की गई.”

कौशल शर्मा ने बताया था कि इसमें सभी पक्षकार और उनके एडवोकेट और ज़िला प्रशासन के लोग मौजूद थे और ये कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हुई.

डीएम कौशल राज शर्मा ने ये भी जानकारी दी, “लगभग 50 फीसदी से अधिक सर्वे हो चुका है.”

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उन्होंने कहा कि सर्वे गोपनीय कार्यवाही है और कोर्ट की निगरानी में हो रही है. यह जानकारी नहीं दी जा सकती है कि कौन-कौन से स्थानों का सर्वे हुआ और क्या क्या मिला. उनके मुताबिक़ पक्षकार कार्यवाही से संतुष्ट हैं.

सर्वे में हिस्सा लेने पहुंची महिला याचिकाकर्ता सीता साहू ने कहा, “प्रशासन ने पूरा सहयोग किया और विपक्ष ने भी पूरा सहियोग किया.” मौके पर दूसरी महिला याचिकाकर्ता मंजू व्यास और रेखा पाठक भी थीं.

महिला याचिकाकर्ता के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बीबीसी को बताया, “आज कार्यवाही में शांतिपूर्ण ढंग से वादी-प्रतिवादी दोनों के सहयोग से और शासन-प्रशासन के भरपूर सहयोग से सर्वे का काम लगभग चार घंटे चला. रविवार को फिर सर्वे होगा. चाबी आराम से मिल गयी. चाबी ही नहीं, किसी भी काम में कोई बाधा नहीं हुई.”

मीडिया के “क्या मिला है?” के सवाल पर वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा, “यह सब मत पूछिए, क्या मिला है वो रिपोर्ट में आएगा. पिछली बार जो अड़चन हुई थी, इस बार ऐसा कुछ नहीं था.”

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