जनवरी में हरिद्वार में धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ अभद्र भाषा और भड़काऊ का बयानबाजी के आरोप में यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिन्हें आज जेल से रिहा कर दिया गया है।
गुरूवार को जिला कारागार से बाहर निकलने के बाद नरसिंहनंद सह-आरोपी जितेंद्र नारायण ( वसीम रिजवी ) की रिहाई के लिए सर्वानंद घाट पर भूख हड़ताल करने के लिए रवाना हो गए। महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और एक पत्रकार को गाली देने के आरोप में आईपीसी की धारा 509 के तहत उनकी गिरफ्तारी हई थी। मंगलवार को इस मामले के लिए एक स्थानीय अदालत में जमानत मिलने के बाद इनकी रिहाई हुई। हालांकि धर्म संसद मामले में 7 फरवरी को ही जमानत मिल गया था। नरसिंहनंद अन्य मामलों के कारण अभ तक जेल में थे, जिसमें उन्हें मंगलवार को जमानत मिल गया था। हिंदुत्व नेता ने हरिद्वार में एक धर्म संसद का आंदोलन किया था, जहां कई वक्ताओं ने मुसलमानों के खिलाफ नफरती भाषण दिया था।
जेल से बाहर आने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नरिसिंहानंद ने कहा कि त्यागी के बिना उनके रिहाई का कोई मतलब नहीं है, त्यागी के रिहाई के लिए मै सर्वानंद घाट पर फिर से भूख हड़ताल करने जा रहा हूं। त्यागी के अर्जी याचिका की सुनवाई उत्तराखंड हाईकोर्ट 21 फरवरी को करेगा। बता दें कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रिजवी ने हिन्दू धर्म अपना कर अपना नाम जितेंद्र नारायण त्यागी रख लिया था।