तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शनिवार को कहा कि उन्होंने 10 विदेशी राजदूतों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित करने का आदेश दिया जिन्होंने जेल में बंद एक परोपकारी कारोबारी की रिहाई की मांग की है. अंकारा में अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी समेत दस देशों के राजदूतों ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान जारी कर कारोबारी और परोपकारी उस्मान कवाला के मामले के निस्तारण की मांग की है जो एक अपराध के मामले में दोषी करार नहीं दिये जाने के बाद भी 2017 से जेल में हैं.
बयान को ‘धृष्टता’ करार देते हुए एर्दोआन ने कहा कि उन्होंने राजदूतों को अवांछित घोषित करने का आदेश दिया है. उन्होंने एक रैली में कहा, ‘मैंने अपने विदेश मंत्री को निर्देश दिया और कहा कि आप इन 10 राजदूतों को अवांछित व्यक्ति घोषित करने के विषय को तत्काल संभालें.’
राजदूतों में नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, नॉर्वे और न्यूजीलैंड के राजनयिक भी शामिल हैं. उन्हें मंगलवार को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था. किसी राजनयिक को ‘पर्सोन नॉन ग्रेटा’ (अवांछित व्यक्ति) घोषित करने का आशय सामान्य रूप से होता है कि व्यक्ति के उसके मेजबान देश में आगे बने रहने पर प्रतिबंध होता है.