आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को विजयदशमी भी कहा जाता है। नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजा की जाती है और दशहरा के दिन विसर्जन किया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया और मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत किया था। दशहरा पर वास्तु में बताए कुछ आसान से उपाय अवश्य करने चाहिए, आइए जानते हैं इनके बारे में।
दशहरा पर अस्त्र-शस्त्र पूजा करने से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। दशहरा पर सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए। दशहरा पर शाम के समय माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए मंदिर में झाड़ू का दान करें। इस दिन पुस्तकों, वाहन आदि की पूजा की जाती है। दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। दशहरा के दिन हनुमान जी की पूजा करना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार रावण दहन की लकड़ी को घर लेकर आना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा निकल जाती है। नवरात्र के दिनों में जौ से अंकुर निकल आते हैं उसे जयंती कहा जाता है। विसर्जन करने से पहले एक लाल कपड़े में थोड़ी सी जयंती बांधकर तिजोरी में रख दें। दशहरा के दिन श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें। इस दिन पूरे परिवार के साथ घर के आंगन में हवन करना शुभ माना जाता है। दशहरा के दिन घर में सेंधा नमक से पोंछा लगाएं। इस दिन शमी के पेड़ के पूजन का विशेष महत्व है। दशहरा पर घर में रंगोली बनाएं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दिन हलवा बनाकर परिवार के सदस्यों को साथ खाना चाहिए, इससे परिवार में मधुरता बनी रहती है।