दस्यु सुंदरी सीमा यादव ने घोषणा की है कि वह जेल से ही कानपुर देहात की सिकंदरा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेगी. कानपुर जेल से पेशी पर आई सीमा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए योगी सरकार की एनकाउंटर नीति को गलत बताते हुए योगी सरकार की जमकर आलोचना की. सीमा यादव कानपुर जेल में एक हत्या के मामले में बंद है. डेढ़ दशक पहले सीमा यादव का चम्बल के बीहड़ों में डंका बजता था. यूपी में चुनाव की चल रही सरगर्मी में अब सीमा भी शामिल हो गई हैं.
सीमा का कहना है, ”मैं इस बार कानपुर देहात की सिकंदरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ूंगी. मुझे चुनाव लड़ाने लिए लोक जनशक्ति, समाजवादी पार्टी, ओम प्रकाश राजभर की सुहैल देव पार्टी जैसे दलों ने संपर्क किया है लेकिन मैं निर्दलीय ही लड़ूंगी. मैं साल 2017 में सिकंदरा से विधानसभा चुनाव और फिर 2019 में भदोही लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हूं.
‘कानपुर कोर्ट में पेशी पर आई सीमा यादव ने आगे बताया, ‘मैं चुनाव जीतकर गरीब और परेशान महिलाओं के लिए काम करूंगी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की महिलाओं को 40 फीसदी आरक्षण की बात ठीक है. उनकी सोच अच्छी है. हालांकि, मैं इनकी पार्टी से चुनावी मैदान में नहीं उतरूंगी.” वहीं, हत्या के केस में जेल में बंद सीमा का आरोप है कि योगी सरकार में महिलाओं के बलात्कार ज्यादा हुए हैं.
बता दें कि कानपुर देहात के सिकंदरा थाना इलाके की महरूपुर गांव की रहने वाली सीमा यादव का 12 साल की उम्र में ही ब्याह कर दिया गया था. पति कल्लू सिंह, सीमा से 14 साल बड़ा था. शादी के कुछ माह बाद ही पति ने सीमा यादव का सौदा एक डकैतों की गैंग के मुखिया से कर दिया था और वहीं से मजबूरन सीमा का अपराध की दुनिया से सामना हुआ था.