दुर्गा पूजा के पंडाल में लगेगी ‘ममता देवी’ की मूर्ति, हाथों में शस्त्र की बजाय होंगी स्कीमें; बीजेपी ने बोला हमला

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की मूर्ति को दुर्गा पूजा पंडाल में लगाए जाने के फैसले से विवाद खड़ा हो गया है।

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ममता बनर्जी की मूर्ति लगाए जाने का बीजेपी ने विरोध करते हुए कहा है कि यह घृणास्पद है और राज्य के हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला है। मशहूर मूर्तिकार मिंटू पाल दुर्गा की फायबर ग्लास की मूर्ति बना रहे हैं। इसे उन्होंने सीएम ममता बनर्जी जैसी ही साड़ी का कलर दिया है और पैरों में उनके जैसे ही चप्पल पहनाए हैं। मिंटू पाल ने कहा कि मैंने इसे बनाने के लिए सीएम ममता बनर्जी की कई तस्वीरों और वीडियोज को देखा है। उनके चलने, बात करने के अंदाज और ड्रेसिंग के आधार पर ही मैंने देवी की यह प्रतिमा बनाई है।

इस मूर्ति में ममता बनर्जी को दुर्गा देवी के तौर पर दिखाया गया है और उनके 10 हाथ दिखाए जाएंगे। इन हाथों में दुर्गा देवी की तरह शस्त्र नहीं बल्कि कन्याश्री, स्वास्थ्य साथी, रूपाश्री जैसी स्कीमें होंगी। दुर्गापूजा के आयोजकों का कहना है कि वे इस मूर्ति के जरिए बताना चाहते हैं कि ममता बनर्जी ने लोगों के कल्याण के लिए कितनी स्कीमें शुरू की हैं। इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है और बीजेपी ने इसे उनका अहंकार बताया है। नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी को मात देने वाले शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इससे पता चलता है कि उनका अहंकार कितना हो गया है।

बीजेपी की आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘बंगाल में चुनाव के बाद जघन्य हिंसा के बाद ममता बनर्जी को देवी सदृश्य दिखाना घृणा पैदा करने वाला है क्योंकि उनके हाथ निर्दोष बंगालियों के खून से सने हैं। यह देवी दुर्गा का अपमान है। ममता बनर्जी को इसे रोकना चाहिए। वह बंगाल के हिंदुओं की भावनाओं को आहत कर रही हैं।’ नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘जब कोई केवल आपको खुश करने के लिए आपको भगवान के समान बताने की कोशिश करता है और आपकी चुप्पी सहमति का इशारा करती है तो इसका मतलब है कि आपका अहंकार ऐसे स्तर तक पहुंच गया है, जहां विवेक इसकी जवाबदेही नहीं ठहरा सकता।’

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