चीन के कर्ज में पाकिस्तान इस कदर डूब चुका है कि उस पर भारी वित्तीय संकट गुजर रहा है। हालांकि इस बीच एक अच्छी खबर ये भी है कि कर्ज में नाक तक डूब चुके पाकिस्तान की मदद के लिए सऊदी अरब सामने आया है। सऊदी अरब पाकिस्तान को 1.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की मदद करने को राजी हो गया है। हालांकि इस बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में पाकिस्तान की खराब हालत सामने आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज को कम करने के लिए पाकिस्तान की हालत टाइट होती जा रही है। पाक विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान को बीजिंग के वित्तीय अधिकारियों से अपने ऋणों को पुनर्निर्धारित करने के लिए कहना चाहिए। एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे समय में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ गया है जब बैंक का विदेशी भंडार अक्टूबर में गिरकर 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
इससे पहले अप्रैल में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाक को चेतावनी दी थी कि नीतिगत फैसलों और बढ़ती देनदारियों के कारण पाकिस्तान की सार्वजनिक ऋण स्थिरता को कम किया जा रहा है। विश्व बैंक की ऋण रिपोर्ट 2021 में दक्षिण एशियाई देशों के ऋणों का विश्लेषण किया गया है। इस रिपोर्ट ने पाकिस्तान को भारत और बांग्लादेश से काफी पीछे दिखाया है। रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि पाक की तुलना कर्ज में डूबे श्रीलंका से की जा सकती है।
इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान की सीनेट को बताया गया कि इस अवधि में आंतरिक कर्ज 16 लाख करोड़ रुपये (91 अरब डॉलर) से बढ़कर 26 लाख करोड़ रुपये (14 करोड़ डॉलर) हो गया है। इसी तरह, इसी अवधि में विदेशी कर्ज 8.5 लाख करोड़ रुपये (48.3 अरब डॉलर) से बढ़कर 14.5 लाख करोड़ रुपये (83 अरब डॉलर) हो गया। इन ऋणों पर पाक मंत्रालय ने कहा, सरकार ने एशिया टाइम्स के अनुसार, ब्याज के रूप में रु 7.46 ट्रिलियन (42.4 बिलियन अमेरिकी डालर) का भुगतान किया है।