कथक की दुनिया के सम्राट कहे जाने वाले पंडित बिरजू महाराज का रविवार देर रात निधन हो गया। 83 साल की उम्र में बिरजू महाराज ने दिल्ली में अंतिम सांस ली। उनकी तबीयत पिछले कुछ समय से खराब थी। रविवार की देर रात उन्हें हार्ट अटैक आया और वह बेहोश हो गए। परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बिरजू महाराज के निधन से भारतीय कला जगत ने एक अनूठे सितारे को हमेशा के लिए खो दिया। हिन्दी सिनेमा जगत में भी बिरजू महाराज का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने फिल्मों के कई गानों की कोरियोग्राफी की। माधुरी दीक्षित तो उनकी पसंदीदा शिष्या थीं। तो चलिए इस मौके पर बताते हैं कि बिरजू महाराज ने फिल्मों के किन-किन गानों को कोरियोग्राफ किया।
कान्हा मैं तोसे हारी
निर्देशक सत्यजीत रे की पहली हिन्दी फिल्म ‘शतरंज के खिलाडी’ में संजीव कुमार, अमजद खान, शबाना आजमी और सईद जाफरी मुख्य भूमिका मे थे। बिरजू महाराज ने ना केवल गाना ‘कान्हा मैं तोसे हारी’ कोरियाग्राफ किया बल्कि अपनी आवाज भी दी। गाने में बिरजू महाराज की शिष्या सरस्वती सेन ने कथक किया।
काहे छेड़ मोहे
संजय लीला भंसाली की फिल्मों में संगीत पर गहराई से काम किया जाता है। ‘देवदास’ में चंद्रमुखी बनीं माधुरी दीक्षित पर गाना ‘काहे छेड़ मोहे’ फिल्माया गया। इस गाने को बिरजू महाराज, कविता कृष्णमूर्ति और माधुरी दीक्षित ने गाया है। बिरजू महाराज ने गाने के लिए माधुरी को प्रशिक्षित किया था।
जगावे सारी रैना
फिल्म ‘डेढ़ इश्किया’ के गाने ‘जगावे सारी रैना’ में बिरजू महाराज ने एक बार फिर से माधुरी के लिए कोरियोग्राफी की। गाने को रेखा भारद्वाज ने आवाज दी है। इसे गुलजार ने लिखा है और संगीत विशाल भारद्वाज का है।
उन्नाई कानडू नान
बिरजू महाराज को 2012 में ‘विश्वरूपम’ में कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘उन्नाई कानडू नान’ (Unnai Kaanadhu Naan) गाने को शंकर महादेवन ने गाया है और इसके लिए बिरजू महाराज ने साउथ के सुपरस्टार कमल हासन को नृत्य सिखाया।
मोहे रंग दो लाल
दीपिका पादुकोण ने बिरजू महाराज से कथक सीखा है। ‘बाजीराव मस्तानी’ के गाने ‘मोहे रंग दो लाल’ को बिरजू महाराज ने कोरियोग्राफ किया। इस गाने को श्रेया घोषाल ने गाया है। गाने के लिए बिरजू महाराज को फिल्मफेयर का बेस्ट कोरियोग्राफी का अवॉर्ड दिया गया।