‘पानी रोकना मुश्किल है’, हरियाणा के सीएम खट्टर का मुख्यमंत्री केजरीवाल को जवाब

डूबती दिल्ली जल्द एक बार फिर बाढ़ से छुटकारा पा सकती है। यमुना नदी के धीरे-धीरे घटते जलस्तर से इसके संकेत मिलने लगे हैं। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस से लगातार दिल्ली के हाल जान रहे हैं और मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना की मदद मांगने की तैयारी की है।

दिल्ली में जारी बाढ़ के संकट के बीच राजधानी के कई इलाकों में एक बार फिर झमाझम बारिश शुरू हो गई है। इससे यमुना का जलस्तर फिर से बढ़ने की उम्मीद है। संभावनाएं जताई जा रही थीं कि शुक्रवार रात 11 बजे तक नदी का जलस्तर घटकर 208.05 मीटर पर आ जाएगा। CWC की दोपहर 1 बजे की अपडेट के अनुसार, दिल्ली रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 208.29 मीटर है।

सीएम खट्टर ने कहा, ‘वहां से पानी छोड़ने के बाद सबसे पहले हरियाणा खुद प्रभावित हुआ है। हमारे कुछ ज़िलों के बाद दिल्ली आता है। इससे हम खुद प्रभावित हैं। उन्हें(अरविंद केजरीवाल) इस प्रकार का विषय नहीं रखना चाहिए कि पानी ज्यादा छोड़ा गया है’। खास बात है कि दिल्ली में यमुना में आए उफान की बड़ी वजह हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने को माना जा रहा था। सीएम केजरीवाल हरियाणा सरकार से पानी नहीं छोड़ने की अपील कर रहे थे।

हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘अभी जो बाढ़ आई है वो प्राकृतिक आपदा है, इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। पहाड़ी राज्यों में जो बारिश हुई है, अचानक उसका प्रभाव हमारी नदियों में बढ़ा है। यमुना में 1 लाख क्यूसेक पानी था जो अगले दिन अचनाक 3.70 लाख क्यूसेक हो गया। जहां तक पानी छोड़ने का सवाल है, हमने अरविंद केजरीवाल को बताया है कि बैराज में एक सीमित मात्रा में पानी को नियंत्रित कर सकते हैं। बैराज की क्षमता 1 लाख क्यूसेक पानी की है, उससे अधिक जो भी पानी होगा उसे रोकना मुश्किल है।’

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