पिज्जा किसे नहीं पसंद है.. आपको हमे, इन्फैक्ट हर वर्ग के लोगो को पिज्जा पसंद है.. कोई पार्टी या फिर कुछ भी खास होता है तो हम बिना सोचे झट से पिज्जा ऑर्डर कर देते है.. हां अब इसे लेकर हमारा टेस्ट अलग हो सकता है, रिक्वायरमेंट अलग हो सकती है की भई इसमे क्या हम चीज एक्सट्रा लेगें या फिर पिज्जा की टॉपिंग क्या होगी.. इसी के साथ ही हमसे से कुछ वेगन भी होंगे यानी की शाकाहारी और कुछ को नॉनवेज पिज्जा ही पसंद आता है लेकिन अब जरा ये सोचिए की आप वेगन है और गलती से आपने नॉनवेज पिज्जा खा लिया तो उस वक्त आपका रिक्शन क्या होगा.. मतलब कई दफा तो हमारे दोस्त ही मस्करी में हमे नॉनवेज चखा देते है कभी कभी इसपर बहसबाजी भी हो जाती है तो वही कभी कभार तो यूं ही टाल दिया जाता है .. लेकिन इस बार गाजियाबाद की एक महिला ने पिज्जा कंपनी को ही कंज्यूमर कोर्ट मे घसीट दिया है.. क्यो… क्योकिं कंपनी ने गलती से उनके घर वेज पिज्जा के बदले नॉनवेज पिज्जा डिलीवर कर दिया.. और यकीन मानिए इस वक्त ये मसला सोशल मीडिया के गलीयारो में खुब सुर्खियां बटोर रहा है..
नमस्कार मैं हूं खुशबू पाण्डेय..
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाली दीपाली त्यागी वेजिटेरियन है.. औऱ उनका मानना है की उनके धर्म, पारिवारिक संस्कारों और मूल्यों के हिसाब से वेजिटेरियन होना ज्यादा अच्छा है… बात है 21 मार्च 2019 की जब दीपाली ने दिन में होली मनाने के बाद परिवार के लिए पिज्जा आउटलेट से शाकाहारी पिज्जा ऑर्डर किया.. पिज्जा देरी से पहुंचा लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया… दीपाली होली खेलने के बाद से ही इतनी भूखी थी की पिज्जा को चेक किए बिना ही उसे तुरंत खाना शुरु कर दिया.. इधर दीपाली ने पिज्जा की एक बाइट ली ही थी की उन्हें महसूस हुआ की पिज्जा में मशरूम की बजाय मांस के टुकड़े थे… बस फिर क्या था.. दीपाली आग बबूला हो गई.. उन्होने बिना किसी देरी के ही पिज्जा कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में केस फाइल कर दिया.. लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो ये थी की दीपाली ने कंपनी के खिलाफ कोई छोटा मोटा केस नहीं बल्कि करीब 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मांग लिया.. अब आप सोच रहें होंगे की एक पिज्जा की वजह से इस महिला ने इतनी बड़ी रकम की मांग क्यो कर दी तो इसका जवाब भी है.. दीपाली का कहना है की उन्हें जो नुकसान हुआ है उसे ठीक करने के लिए उन्हें महंगे और कठिन अनुष्ठानों से गुजरना होगा… जिसके लिए तकरीबन 1 करोड़ तक का खर्चा आएगा..
कुछ दिनों बाद, पिज्जा आउटलेट के एक प्रबंधक ने दीपाली को फोन किया और शिकायतकर्ता के पूरे परिवार को मुफ्त में पिज्जा देने का वादा किया… हालांकि, शिकायतकर्ता ने उसे फिर से कहा कि यह कोई साधारण केस नहीं है, हमारी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई गई… और फिर उन्होने सारी दलीलो को पीछे छोड़ दिल्ली की जिला उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कर दिया.. जिसके बाद फोरम ने कंपनी से इस पर जवाब मांगा और अब खुलासा हुआ है की मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी…
कंपनी की हालत पर तो फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन हम आपको इतना जरूर कहेंगे की भई आगे से आप अपने दोस्तो के साथ मजाक में भी ऐसी हरकत ना करें क्या पता आपको भी इतनी लंबी चौड़ी चपत लग जाए..
पिज्जा किसे नहीं पसंद है..
Khursheed Khan Raju
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