कोरोना काल से ही लोगों को राशन की दुकानों से निःशुल्क मिल रहा चावल और गेहूं अब नहीं मिलेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मिलने वाले गेहूं और चावल के लिए अब कार्डधारकों को कीमत चुकानी होगी। इसके लिए दोनों के रेट भी तय कर दिये गए हैं। सरकारी राशन की दुकानों से मिलने वाले गेहूं के लिए दो रुपये और चावल के लिए तीन रुपये प्रति किलो मूल्य देना होगा। अंत्योदय और पात्र गृहस्थी दोनों तरह के कार्डधारकों के लिए ये व्यवस्था लागू हुई है। हालांकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सितंबर माह तक गरीबों को मुफ्त राशन मिलता रहेगा।
25 से 31 अगस्त तक खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जुलाई माह का राशन वितरण होना है। इसमें अंत्योदय कार्ड धारकों को 14 किलोग्राम गेहूं व 21 किलोग्राम चावल कुल 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति राशन कार्ड मिलता है। पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को दो किलो गेहूं व तीन किलो चावल पांच किलो खाद्यान्न प्रति यूनिट दिया जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते अब तक यह राशन मुफ्त मिल रहा था।
वाराणसी में अपर जिलाधिकारी (नागरिक आपूर्ति) जवाहर लाल श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि 25 से 31 अगस्त तक दुकानों से जून की आयोडाइज्ड नमक, रिफाइंड ऑयल और चना का वितरण होगा। यह तीनों चीजें निःशुल्क मिलेंगी। इसके साथ ही जुलाई महीने का गेहूं और चावल निर्धारित कीमत पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राशन वितरण की तैयारियां शुरू हो गई हैं।