बिहार की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एनएमसीएच में एक एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र की मौत हो गई, जबकि अन्य आठ से 10 छात्र कोरोना संक्रमित बताए जा रहे हैं… मृतक छात्र कोरोना टीके का पहला डोज ले चुका था….बावजूद इसके वो कोरोना के संक्रमण के ना सिर्फ चपेट में आया बल्कि उसकी मौत भी हो गई… एनएमसीएच प्रबंधन ने बताया कि एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र शुभेंदु शेखर की मौत उनके गांव बेगूसराय के दहिया में हुई है… शुभेंदु सुमन ने 22 दिनों पहले ही वैक्सीन ली थी… उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में वैक्सीन ली थी लेकिन 25 फरवरी को वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए… इसके बाद वो अपने घर बेगुसराय चले गए, जहां 27 फरवरी को उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन सोमवार की शाम उनका निधन हो गया…बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि ‘यह समझना होगा कि एंटीबॉडी वैक्सीन लगने के छह सप्ताह के बाद बनती है… दूसरे डोज के 14 दिन बाद से एंटीबॉडी बनती है… ऐसे में यह गलत है कि पहले डोज के बाद से ही एंटीबॉडी बनने लगेगी.’ उन्होंने छात्र की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि ऐसी किसी एक घटना से भी बहुत दुख होता है, खासकर किसी चिकित्सक की मौत पर..काबिलेगौर है कि इस अस्पताल में अब तक 15 छात्र पॉजिटिव आ चुके हैं और इनमें से बहुत सारे छात्रों ने कुछ हफ्ते पहले ही वैक्सीन की पहली डोज ली थी…आपको बता दे कि देश में कोरोना के खिलाफ 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू किया गया है… पहले चरण में लाखों हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया था… पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता दी गई थी… 1 मार्च से वैक्सीनेशन ड्राइव का दूसरा चरण शुरू हुआ है. इस चरण में 60 से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 से ऊपर की उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा…लेकिन टीका अपने आप में विवाद की जड़ बना हुआ क्योंकि इस वैक्सीन पर अभी तक सियासत खत्म नहीं हो रही…
बिहार की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एनएमसीएच में एक एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र की मौत हो गई
Khursheed Khan Raju
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