मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का मामला अब उत्तर प्रदेश से बढ़ कर बिहार पहुंच गया है.
अंग्रेज़ी समाचार ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी नेता जनक राम के शुक्रवार को कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर पर कानून आया है, तो इसका असर बिहार में भी होगा.
नीतीश कुमार सरकार में खान और भूविज्ञान मंत्री जनक राम ने कहा, “देश के कानून से बड़ा कोई धर्म नहीं है. देश और राज्य कानून से शासित हो रहे हैं. तो अगर यह कानून यूपी में आया है तो इसका असर बिहार पर भी पड़ेगा.”
“केंद्र और राज्य के नेता इस पर विचार करने और बिहार में इसे लागू करने के लिए एक साथ बैठेंगे.”
लेकिन जदयू और विपक्षी पार्टी आरजेडी ने बीजेपी नेता की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि बिहार में इस तरह के उपाय की कोई ज़रूरत नहीं है.
इससे पहले भी बीजेपी मंत्री ने कहा था, “मैं बिहार के 13 करोड़ लोगों को याद दिलाना चाहता हूं कि जब होली, दिवाली, छठ पूजा और अन्य हिंदू त्योहार होते हैं, तो तेज आवाज़ या गाने बजाने पर प्रतिबंध होता है. लेकिन संविधान का हवाला देने वाले लोगों को पता होना चाहिए कि जब मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाया जाता है, तो मस्जिदों से आने वाली तेज़ आवाज़ के कारण पढ़ने वाले बच्चों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. आसपास रहने वाले सभी समुदायों के लोग प्रभावित होते हैं.”
जदयू के वरिष्ठ नेता और ग्रामीण विकास और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है, “धार्मिक मामलों में बल का प्रयोग नहीं होना चाहिए. सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए.”
इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए. बीजेपी हमेशा समाज में विभाजनकारी राजनीति करती है.”
अख़बार लिखता है कि यहां तक कि बिहार के दो सत्तारूढ़ सहयोगियों- जदयू और बीजेपी के बीच दरार दिन-प्रतिदिन गहरी होती जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राबड़ी देवी के इफ़्तार आयोजन में जाना और तेजस्वी यादव का जेडीयू की इफ़्तार पार्टी में शामिल होने ने राजनीतिक उथल-पुथल की अटकलों को हवा दी है.