एनडीए के खिलाफ बनने वाले महागठबंधन की गांठें समय-समय पर ढीली पड़ती रही हैं। हालिया उदाहरण बिहार का है। बिहार में एमएलसी के 24 सदस्यों का चुनाव होने वाला है। इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (एलजेपी रामविलास) गठबंधन की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस अभी तक इससे दूरी बनाए हुए है। कई कांग्रेसी नेता इन चुनावों में पार्टी के अकेले उतरने की वकालत कर रहे हैं। हालांकि, हालिया उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। वहीं पार्टी ने एलजेपी रामविलास के साथ बातचीत में शामिल होने से भी इंकार किया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने आरजेडी और एलजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावनाओं को भी विराम दे दिया है। ऐसे में महागठबंधन का रास्ता इतना आसान नहीं नजर आ रहा।
आरजेडी ने इस चुनाव को देखते हुए सीट बंटवारे का फॉर्मूला भी तैयार कर लिया था। इसके मुताबिक आरजेडी 15, कांग्रेस 5, एलजेपी (रामविलास) के लिए तीन और एक सीट लेफ्ट के लिए छोड़ी गई थी। कुछ दिन पहले ही एलजेपी (रामविलास) की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हुई थी। इसमें एमएलसी चुनाव के लिए गठबंधन पर जोर दिया गया था। हालांकि बोर्ड आखिरी फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के ऊपर छोड़ दिया था। एलजेपी (रामविलास) के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने बताया कि यह फैसला चिराग को करना है। उन्हें ही तय करना है कि पार्टी आरजेडी के साथ गठबंधन करेगी या फिर एनडीए के साथ जाएगी। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर तक इस बारे में फैसला लिया जा सकता है।