कर्नाटक के बेंगलुरु में परिवहन सेवाएं देने वाली कंपनियों उबर, ओला और रैपिडो से ऑटो रिक्शाओं पर रोक लगाने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट बताती है कि ऑटो रिक्शा वालों पर ग्राहकों से अधिक शुल्क लेने और परेशान करने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इस मामले में उबर और ओला ने तो चुप्पी साधी हुई है लेकिन, रैपिडो ने जवाब दिया है।
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा है कि कर्नाटक सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स उबर, ओला और रैपिडो को बेंगलुरु में ऑटो रिक्शा सेवाओं पर रोक लगाने के लिए कहा है। उन पर ग्राहकों से अधिक शुल्क लेने और परेशान करने की लगातार शिकायत मिल रही हैं।
बेंगलुरू के अतिरिक्त परिवहन आयुक्त हेमंत कुमारा ने रॉयटर्स को बताया, “वे ऑटो चलाने के लिए अधिकृत नहीं हैं… वे अत्यधिक शुल्क ले रहे हैं और यह एक गंभीर शिकायत है।” उन्होंने कहा, “हम ग्राहकों के साथ होने वाले उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं और न ही अत्यधिक दरों को सही ठहरा सकते हैं।” इस मामले में परिवहन विभाग ने कंपनियों को शहर में सेवा बंद करने के लिए एक नोटिस जारी किया है।
हालांकि ओला और उबर इंडिया ने इस मामले में किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उबेर हाल के हफ्तों में भारत में अपनी ऑटोरिक्शा सेवा पर टेलीविजन विज्ञापन चला रहा है।
गौरतलब है कि भारत में परिवहन सेवाएं देनी वाली कंपनियों के लिए एक वृहद बाजार है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह भारत की जनसंख्या है। लोग अक्सर भीड़भाड़ वाली सड़कों पर ड्राइविंग से बचने या सार्वजनिक परिवहन सेवाओं से बचना चाहते हैं। ऐसे में लोगों के लिए ऑटोरिक्शा या कार बुक करके छोटी यात्रा करना सबसे किफायती साधनों में से एक है।
रैपिडो ने कहा है कि बेंगलुरु में उसका संचालन अवैध नहीं है और वह नोटिस का जवाब देगा। कंपनी ने एक बयान में कहा, “हमारे सभी किराए राज्य सरकार द्वारा तय किए गए किराए के अनुसार निर्धारित किए जाते हैं और रैपिडो उन किराए पर कोई अतिरिक्त पैसा नहीं ले रहा है।”