| संवाददाता, धर्मेंद्र द्विवेदी |
उत्तर प्रदेश के Basti में प्रशासन की कार्यवाई ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के लिए अब कोई राहत नहीं है। बस्ती जिले की हर्रैया तहसील में अवैध अतिक्रमण पर बड़ी कार्यवाई करते हुए तहसील प्रशासन ने तालाब की भूमि पर बने एक अवैध मकान को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। इस पूरी कार्यवाई को हाईकोर्ट के आदेश के बाद अंजाम दिया गया।
🌐 घटना की पृष्ठभूमि: जनहित याचिका बनी कार्यवाई की वजह
पूरा मामला तब शुरू हुआ जब माझा गाँव के एक जागरूक नागरिक ने तालाब की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ आवाज़ उठाई। शिकायतकर्ता ने लखनऊ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की, जिसमें यह आरोप लगाया गया कि तालाब की सार्वजनिक जमीन पर अवैध निर्माण कर लिया गया है।
इस याचिका को हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के.एल. तिवारी ने प्रस्तुत किया। अधिवक्ता के मजबूत कानूनी तर्कों और साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने तुरंत संज्ञान लिया और हर्रैया तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया।
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⚖️ कोर्ट का आदेश और प्रशासन की तत्परता
हाईकोर्ट ने न केवल आदेश जारी किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि यदि समय रहते अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो तहसीलदार को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना होगा। यह निर्देश प्रशासनिक महकमे के लिए एक चेतावनी था और शायद यही कारण रहा कि हर्रैया तहसील प्रशासन ने बिना देरी किए कड़ी कार्यवाई की।
तहसीलदार हर्रैया तुरंत पुलिस बल के साथ माझा गाँव पहुँचे और भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तालाब की भूमि पर बने अवैध मकान को जेसीबी से गिरवा दिया।
📍 माझा गाँव बना कार्यवाई का केंद्र
Basti के माझा गाँव में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है और कहा कि अगर इसी तरह से सख्ती दिखाई जाए तो सरकारी जमीनों की लूट को रोका जा सकता है।
🔎 भूमाफियाओं में मचा हड़कंप
इस कार्यवाई के बाद Basti में सक्रिय भूमाफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है। जिन लोगों ने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर मकान, दुकानें या अन्य निर्माण कर रखे हैं, वे अब अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं।
यह साफ है कि बस्ती अब किसी भी प्रकार की कोताही या सिफारिश को मानने के मूड में नहीं है। प्रशासन का सख्त संदेश है – “किसी भी कीमत पर सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
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📸 मौके की तस्वीर: प्रशासन का बुलडोज़र एक्शन
कार्यवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। जेसीबी मशीनों से अवैध मकान को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए क्षेत्राधिकारी, लेखपाल, ग्राम सचिव आदि भी मौके पर मौजूद थे।
स्थानीय मीडिया और समाचार चैनलों ने इस पूरी घटना को लाइव कवर किया, जिससे यह मामला तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
🗣️ जन प्रतिक्रिया: “सही किया प्रशासन ने”
Basti के आम नागरिकों ने इस कदम की सराहना की है। माझा गाँव के ही निवासी रामदीन यादव ने कहा:
“यह तालाब हमारी विरासत है। इसे भूमाफियाओं से बचाना प्रशासन का कर्तव्य है। आज पहली बार लग रहा है कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है।”
📚 कानून क्या कहता है?
भारतीय कानून के अनुसार तालाब, पोखर, झील, नदी या किसी भी प्रकार के जल स्रोत की भूमि पर अतिक्रमण गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि जल स्रोतों की भूमि पर कोई भी निजी निर्माण न केवल अवैध है बल्कि पारिस्थितिकी के लिए भी खतरनाक है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पिछले कुछ वर्षों में विशेष अभियान चलाकर जल संरक्षण की दिशा में कदम उठाए हैं। ऐसे में Basti में हुई यह कार्रवाई एक मिसाल के तौर पर देखी जा रही है।
🧭 आगे की रणनीति: प्रशासन की चेतावनी
तहसील प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक शुरुआत है। Basti में जितने भी अवैध कब्जे सरकारी जमीनों पर हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी। आने वाले दिनों में सर्वेक्षण कर अन्य अतिक्रमणों की सूची तैयार की जा रही है।
तहसीलदार ने कहा:
“यह कार्यवाई किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, यह जनता के हित में है। हर्रैया तहसील में अब कोई भी अवैध निर्माण नहीं बचेगा।”
📌 बस्ती ज़िले में प्रशासन की बढ़ती सक्रियता
Basti में प्रशासन की कार्यशैली में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। चाहे वह भू-माफियाओं पर कार्यवाई हो या अवैध निर्माण हटाना – हर्रैया, कप्तानगंज, बनकटी, रुधौली जैसी तहसीलों में सख्त रवैया अपनाया जा रहा है।
यह दर्शाता है कि प्रशासन अब कागज़ी कार्यवाई तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि ज़मीनी स्तर पर भी सुधार लाने को तैयार है।
📊 जनता की उम्मीदें और ज़िम्मेदार मीडिया की भूमिका
जनता अब यह आशा कर रही है कि प्रशासन की यह सख्ती केवल एक दिन या एक घटना तक सीमित न रहे। यदि नियमित रूप से ऐसे मामलों में कार्यवाई होती रही, तो Basti में कानून का राज और जनहित में काम करने की परंपरा स्थापित हो सकती है।
मीडिया का भी दायित्व बनता है कि वह ऐसी सकारात्मक खबरों को प्रमुखता दे और साथ ही साथ प्रशासन की जवाबदेही भी सुनिश्चित करे।