26 फरवरी को व्यापारियों ने कुछ मांगो को लेकर भारत बंद करने का ऐलान किया है। दरअसल व्यापारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (GST) के प्रावधानों की समीक्षा की मांग को लेकर 26 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और भरतिया ने GST Counseling द्वारा GST के स्वरूप को अपने फायदे के लिए विकृत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि GST पूरी तरह से एक फेल टैक्स व्यवस्था है। GST का जो मूल स्वरूप है उसके साथ खिलवाड़ किया गया है।
बता दें कि कैट ने कल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर इस मामले में उनके तुरंत हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की, GST के अनेक बेतुके एवं मनमाने प्रावधानों के तहत अगर माल बेचने वाले व्यापारी की रिटर्न न भरना या कर न भरना अथवा देर होना है, तो उसके लिए भी खरीदार जिम्मेदार है जिसके कारण खरीदने वाले व्यापारी को दिए हुए टैक्स का इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा और ऐसे व्यापारियों की दोबारा टैक्स देना होगा। यह कहां का न्याय है ? ऐसा तो मुगलों और अंग्रेजों के जमाने में भी नहीं हुआ।
कैट का दावा है कि इस दिन देश भर के 8 करोड़ से अधिक व्यापारी हड़ताल पर रहेंगे। कैट के नेतृत्व में आगामी 26 फरवरी को GST के बेतुके एवं तर्कहीन प्रावधानों को वापिस लेने तथा ई कामर्स कंपनी Amazon पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर भारत को बंद करने का ऐलान किया गया है।