बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि इन दोनों ही पार्टियों की राजनीति हमेशा एक दूसरे की पूरक रही है। मायावती ने खुद की तुलना सीएम योगी से करते हुए कहा कि योगी जी को मैं बता देना चाहती हूं कि आप की तरह मेरा अपना परिवार खुद का नहीं है, उन्होंने दिखावा करने के लिए सन्यासी होने का चोला पहन लिया है लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, हमने अपनी सरकार में सभी धर्म के लोगों को ज्यादा ध्यान दिया है, योगी जी ने एक धर्म के लोगों के कुछ विशेष जातियों का ध्यान रखा है।
लखनऊ में आयोजित पत्रकार वार्ता में मायावती ने कहा कि अभी मैं पार्टी में काम करने के लिए स्वस्थ हूं। समय आएगा तब उत्तराधिकारी कौन होगा। इसका जवाब भी मिल जाएगा। अभी लोग चाहते हैं,कि पाँचवीं बार वो मुझे मुख्यमंत्री बनाये। मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा खासकर उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार की घोर विफलताओं पर पर्दा डालने और ध्यान बंटाने के लिए सपा से अंदरूनी मिलीभगत और सांठगांठ करके जिन्ना और अयोध्या पुलिस गोलीबारी जैसे अनेक अन्य नए-नए गढ़े हुए सांप्रदायिक और धार्मिक मुद्दों को उठाने का पूरा प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसा इसलिए कर रही है ताकि विधानसभा चुनाव हिंदू—मुस्लिम के मुद्दे पर केंद्रित हो जाए।
सपा की वजह से भाजपा मजबूत:
उन्होंने कहा, यह इन दोनों पार्टियों का अंदर-अंदर प्रयास चल रहा है जो स्वाभाविक तौर पर सपा और भाजपा की स्वार्थ की राजनीति को पुनः उजागर करता है। यह सही है कि सपा और भाजपा की राजनीति हमेशा एक दूसरे की पूरक रही है और इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी एवं सांप्रदायिक होने के कारण इनका अस्तित्व एक दूसरे पर ही आधारित रहा है। इसी कारण जब सपा सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है और जब बसपा सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर होती है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि जनता अब सपा और भाजपा से काफी सजग भी है। उन्होंने कहा कि बसपा को यह पूरी उम्मीद भी है कि अब प्रदेश की जनता इनके इस प्रकार के किसी भी षड्यंत्र का शिकार होने वाली नहीं है।