उत्तराखंड में 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में आधी से अधिक सीटों पर महिला वोटर निर्णायक रहीं। उस चुनाव में 37 विधानसभा सीटों पर महिला वोटरों ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया। जबकि पुरुष वोटर मात्र 32 सीटों पर ही मतदान में महिलाओं से आगे रहे। इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा व कांग्रेस के नेता इस चुनाव में महिला वोटरों को अपने पक्ष में खड़ा करने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों को देखा जाए तो 70 में से 37 विधानसभा सीटों पर महिला वोटरों ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया। महिला वोटर कुमाऊं व गढ़वाल दोनों मंडलों में मतदान में पुरुष वोटरों से आगे रहीं। कुमाऊं मंडल में 16 सीटों पर महिला वोटर आगे थीं। इसी प्रकार गढ़वाल मंडल में 21 सीटों पर महिला वोटरों ने अधिक मतदान किया।
कुमाऊं की विधानसभा सीटों को देखा जाए तो मंडल की धारचूला, डीडीहाट, पिथौरागढ़, गंगोलीहाट, कपकोट, बागेश्वर, द्वाराहाट, सल्ट, रानीखेत, सोमेश्वर, अल्मोड़ा, जागेश्वर, लोहाघाट, चम्पावत, कालाढूंगी, खटीमा सीट पर महिला वोटर मतदान में पुरुषों से आगे रहीं। इसी प्रकार गढ़वाल मंडल में यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ, थराली, कर्णप्रयाग, केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, घनसाली, देवप्रयाग, नरेन्द्र नगर, प्रतापनगर, टिहरी, धनोल्टी, डोईवाला, ऋषिकेश, यमकेश्वर, पौड़ी, श्रीनगर, चौबट्टाखाल, लैंसडाउन, कोटद्वार सीट पर महिला वोटर मतदान में पुरुष वोटरों से आगे रहीं।
2012 के विधानसभा चुनाव में पुरुष मतदाता रहे आगे
वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनावों को अगर देखा जाए तो इस चुनाव में पुरुष मतदाता महिलाओं से आगे रहे। इस चुनाव में 70 विधानसभा सीटों में से 39 सीटों पर पुरुष मतदाता महिला वोटरों से आगे रहे। महिला मतदाता 31 सीटों पर वोट देने में आगे रहीं। इस चुनाव में महिला वोटर कुमाऊं में 13 व गढ़वाल मंडल में 18 सीटों पर आगे रहीं। पुरुष मतदाता कुमाऊं में 16 व गढ़वाल मंडल में 23 सीटों पर आगे रहे।
भाजपा के संगठन व सरकारों में महिलाओं को उचित प्रतिनिधत्व दिया जाता रहा है। चुनाव में महिलाओं की निर्णायक स्थिति को ध्यान में रखते हुए हर विधानसभा क्षेत्र में महिला सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। हल्द्वानी में प्रदेश स्तरीय सम्मेलन पहले ही हो चुका है। इस बार उम्मीद है कि विस चुनावों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
राजेन्द्र सिंह भंडारी, प्रदेश महामंत्री भाजपा
कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजनीति से लेकर विधानसभा, पंचायतों तथा निकायों के चुनावों में महिलाओं को पूरा प्रतिनिधित्व दिया है। पंचायत चुनावों में महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था कांग्रेस के शासन में ही लागू की गई। इस विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।