महानगर मुम्बई में कोरोना केसों में आए उछाल ने बृहन्नमुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन (बीएमसी) प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, ऐसे में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और इलाज एक बड़ी चुनौती है. बीएमसी प्रशासन के सभी 24 वार्डों में बने वॉर रूम में तेजी से काम शुरू किया जा चुका है और पुलिस को भी शहर में निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया गया है. कोरोना के बढ़ते आंकड़ों से मुम्बई में बीएमसी के सभी 24 वार्डों के वार रूम में सक्रियता बढ़ गई है. तीन शिफ्ट में 24 घंटे टेस्टिंग ,ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट का काम शुरू किया गया है.
वार रूम इंचार्ज डॉ प्राची जाधव कहती हैं, ‘पूरी हिस्ट्री ली जाती है. उसके आधार पर हम देखते हैं कि मरीज को कोविड केअर सेंटर की जरूरत है, या अस्पताल की. अगर घर पर फैसिलिटी है क्वारंटाइन की तो हम घर पर भी परमिशन दे देते हैं.’ बीएमसी के मुताबिक कोरोना केसों की संख्या जरूर बढ़ रहीं है लेकिन 95 फीसदी बिना लक्षण के हैं और सिर्फ 5 फीसदी को अस्पतालों में एडमिट करना पड़ा है.
महानगर मुंबई में हालांकि धारा 144 लागू है, बावजूद इसके बाजारों में भीड़ देखी जा रही है. 31 दिसंबर की रात नए साल के स्वागत में जश्न को लेकर भी भीड़ बढ़ने की आशंका है. लिहाजा गृहमंत्री ने पुलिस को निगरानी बढ़ाने के आदेश के साथ लोगों से भी घर मे जश्न मनाने का आग्रह किया है. इस बीच अचानक से बढ़े कोरोना के मामलों के अध्ययन से पता चला है कि उनमें से 95 फीसदी मामले इमारतों से हैं जबकि झुग्गी बस्ती से सिर्फ 5 फीसदी हैं लेकिन इसकी वजह क्या हो सकती है बीएमसी अभी इस पर चुप है.