मैनपुरी उपचुनाव के बहाने एकजुट हुआ सपा परिवार, पर क्या अखिलेश के दोनों चाचा के बीच मिट पाईं दूरियां?

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की मैनपुरी लोकसभा (Mainpuri Lok Sabha) सीट पर हुए उप चुनाव में राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की बहू और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिम्पल यादव )Dimple Yadav) ने भारी मतों से जीत हासिल की है। डिम्पल यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के रघुराज सिंह शाक्य को 2 लाख 88 हजार 461 मतों से पराजित किया। इस तरह मैनपुरी लोकसभा सीट पर वर्ष 1996 से चला आ रहा सपा का कब्जा बरकरार रहा। यह सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण खाली हुई थी।

इसी चुनाव के बहाने सपा परिवार फिर से एकजुट हो गया और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय कर दिया। डिम्पल को सबसे ज्यादा एक लाख छह हजार 497 मतों की बढ़त शिवपाल सिंह यादव के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जसवंत नगर से ही मिली थी।

चाचा-भतीजे के मिलन को समाजवादी परिवार के लिए बेहतर माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इससे न सिर्फ मुलायम परिवार बल्कि समाजवादी परिवार मजबूत होगा लेकिन असली सवाल यह है कि क्या इस मिलन से अखिलेश के दूसरे चाचा यानी रामगोपाल यादव और शिवपाल के बीच की दूरियां खत्म हो गई हैं?

अभी हाल ही में मुलायम सिंह यादव की जयंती मनाने सपा परिवार और यादव परिवार के लोग सैफई में जमा हुए थे। लिहाजा, रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव भी वहां जुटे लेकिन इस मौके पर जो तस्वीर और नजारे सामने आए, वह इस बात की तस्दीक कर पाने में अड़चन पैदा कर रहे हैं कि दोनों बड़े नेताओं और भाइयों के बीच दूरियां खत्म हो गई हैं।

इस कार्यक्रम के वायरल वीडियो में साफ दिखा कि शिवपाल यादव ने आगे बढ़कर बड़े भाई रामगोपाल यादव का पैर तो छुआ लेकिन उनसे एक शब्द भी बात नहीं की और वहीं दूसरी तरफ मुंह खड़ा कर खड़े हो गए। इसके चंद लम्हों बाद शिवपाल याद वहां से चलते बने।

मैनपुरी में डिम्पल यादव के चुनाव के वक्त भी दोनों नेता कभी सार्वजनिक तौर पर एकसाथ नजर नहीं आए। नेताजी के श्राद्ध कार्यक्रम में भी कई मौकों पर दोनों भाई आमने-सामने आए लेकिन बातचीत नहीं हुई। कुछ महीने पहले जब रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी तो उन पर सबसे तीखा हमला शिवपाल यादव ने ही किया था। रामगोपाल ने परिवार के ही एक सदस्य के खिलाफ हो रहे पुलिस एक्शन पर मुख्यमंत्री से मदद मांगने के लिए यह मुलाकात की थी।

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