गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सी-वोटर के ताजा सर्वे के नतीजे यदि सच साबित हुए तो यहां एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। सर्वे में यह भी कहा गया है कि 27 साल से सरकार चला रही भगवा पार्टी को राज्य में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिल सकती है। एक साल पहले मुख्यमंत्री समेत सरकार में बड़े फेरबदल करने वाली पार्टी 140 से अधिक सीटें जीत सकती है। 5 साल पहले 99 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार 36-44 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है।
मोदी भले ही 8 साल से दिल्ली में बैठकर देश की सरकार चला रहे हैं, लेकिन गुजरात की राजनीति में अब भी वह ‘केंद्र’ में बने हुए हैं। सर्वे के नतीजे यह भी संकेत देते हैं कि मुसलमानों के वोट में इस बार काफी बंटवारा होने वाला है और मोदी का मैजिक मुसलमानों पर भी चलने वाला है। ‘अल्पसंख्यक मित्र’ अभियान चला रही भाजपा को 23 फीसदी मुस्लिम वोट मिलने की संभावना जताई गई है। कांग्रेस पार्टी को 45 फीसदी और ‘आप’ को 30 फीसदी मुस्लिम वोट मिलने की भविष्यवाणी की गई है। 2 फीसदी मुस्लिम वोट अन्य के खाते में जा सकते हैं। यदि सर्वे के नतीजों के अनुरूप गुजरात में मुस्लिम वोटों का इस तरह बंटवारा होता है तो यह ना सिर्फ भाजपा की जीत का एक आधार बनेगा बल्कि राज्य में सियासी समीकरण बदलने का भी बड़ा संकेत होगा।
2002 में भीषण सांप्रदायिक दंगा झेल चुके गुजरात में 2012 से पहले कांग्रेस को 80 फीसदी से अधिक मुस्लिम वोट मिलते थे। लेकिन दंगों के एक दशक बाद तक इसमें बड़ा बदलाव आ गया। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जिस तरह गुजरात में आर्थिक विकास हुआ और इसका फायदा हिंदू-मुस्लिम सभी को बिना किसी भेदभाव के हुआ तो बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक वोटर्स भाजपा की ओर झुके। सीएसडीएस के पोस्ट पोल सर्वे के मुताबिक 2012 में भाजपा को 20 फीसदी मुस्लिम वोट मिले थे। 2027 में तो पार्टी को 27 फीसदी मुस्लिम वोट मिलने की बात कही गई थी।