उत्तर प्रदेश में अब तक कई शहरों और रेलवे स्टेशनों के नाम तब्दील किए जा चुके हैं। अब शायद पश्चिम यूपी के बदायूं जिले का नाम सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से बदला जा सकता है। मंगलवार को बदायूं में ही एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बात के संकेत दे दिए। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में बदायूं को वेदामऊ नाम से जाना जाता था और यहां वेदों का अध्ययन हुआ करता था। उन्होंने कहा कि यदि आजादी के बाद से अब तक यूपी की सरकारों ने संसाधनों का सही इस्तेमाल किया होता तो खेती फायदे का सौदा होती तो और किसानों की स्थिति अच्छी होती।
उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ करने की बजाय सरकारों ने किसानों का पूरा दोहन किया और उन्हें किस्मत के भरोसे ही छोड़ दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘एक दौर में बदायूं को वेदामऊ नाम से जाना जाता था। यह स्थान वेदों के अध्ययन का केंद्र हुआ करता था। यह भी कहा जाता है कि गंगा को धरती पर लाने वाले महाराज भगीरथ ने भी इसी धरती पर तपस्या की थी।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा हजारों साल से हमें उर्वरक जमीन प्रदान कर रही है। गंगा और यमुना के किनारे की धरती को दुनिया के सबसे उपजाऊ इलाकों में से एक माना जाता है।
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक भगीरथ की तपस्या के चलते ही गंगा धरती पर स्वर्ग से उतरी थीं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि अब तक बनी सरकारों ने संसाधनों का सही इस्तेमाल किया होता तो प्रदेश का किसान पूरे भारत ही नहीं बल्कि दुनिया ता पेट भरने की स्थिति में होता। उन्होंने कहा कि ऐसा सरकारों ने नहीं किया। उन्होंने किसानों का उत्पीड़न किया और उन्हें भाग्य के भरोसे छोड़ दिया। किसानों की जमीन को अपराधियों ने कब्जा लिया। बिगड़े हालातों के चलते यूपी में किसानी घाटे का धंधा बनकर रह गई थी।