गुड गवर्नेंस के तहत सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत घर बनाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। शासन से भी गांव की सरकार को कार्यालय देने के बारे में दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसके बावजूद पंचायत घरों के निर्माण में हीलाहवाली बरती जा रही है। सरकारी सुस्ती का आलम कुछ यूं है, इस वित्तीय वर्ष में जनपद में मनरेगा के तहत 408 पंचायत घरों को बनाया जाना था। पर अब तक एक सैंकड़ा से अधिक पंचायत घरों का काम ही शुरू नहीं हो सका है। जिन पंचायत घरों को बनाने का काम शुरू भी हुआ था वो अब बजट के अभाव में बंद हो चुके हैं।
मनरेगा की बेवसाइट की ही मानी जाए तो 408 में से 401 पंचायत घरों के निर्माण की ही वर्क आईडी जारी की गई है। 307 पंचायत घरों के निर्माण के लिए मस्टर रोल जारी किए गए हैं पर 78 पंचायत घरों में काम शुरू ही नहीं हो पाया और मस्टर रोल शून्य कर दिए गए। तकरीबन आधा सैंकड़ा पंचायत घर भूमि विवाद में फंस गए जिन पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। रहे बचे अधिकांश पंचायत घरों का काम मनरेगा में सामग्री अंश का बजट न होने से ठप पड़ा हुआ है। हकीकत यह है, अब तक मात्र 59 पंचायत घरों का काम पूरा हुआ है जिसमें से 57 पंचायत घरों की जियो टैग हो पाई है। ऐसे में अब पंचायत घर निर्माण के मानक पर जनपद की प्रगति प्रभावित हो रही है, पर पंचायत घर निर्माण कार्य की जिम्मेदारी लेने वाले ब्लॉकों के जिम्मेदार मौन हैं।
इन ग्राम पंचायतों में पंचायत घर का काम है बंद
बिलग्राम ब्लॉक की 22, टोंडरपुर की तीन, अहिरोरी की चार, भरावन ब्लॉक की पांच, शाहाबाद की दो, भरखनी की चार, कोथावां की नौ, मल्लावां व बावन की तीन, सांडी की 28, टड़ियावां की 15, सुरसा की चार, संडीला की छह, हरियावां की तीन, हरपालपुर की 14, माधौगंज की सात, पिहानी की आठ व कछौना की दो ग्राम पंचायतों में पंचायत घर निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही बंद हो चुका है।
मनरेगा व ग्राम निधि कनवर्जेंस से बनाए जाने हैं पंचायत घर
मनरेगा व ग्राम निधि की धनराशि से पंचायत घरों का निर्माण होना था। एक कमरे वाले पंचायत घर में तीन लाख 38 हजार ग्राम निधि से व आठ लाख 62 हजार मनरेगा से लगाया जाएगा। दो कमरों वाले पंचायत घर में तीन लाख 61 हजार ग्राम निधि से व नौ लाख 66 हजार मनरेगा से खर्च किया जाना है। इसी तरह चार कमरों वाले पंचायत घर में दो लाख 70 हजार ग्राम निधि से व 15 लाख रुपए मनरेगा से लगाए जाने हैं। आठ कमरों के पंचायत घर में चार लाख 25 हजार ग्राम निधि से व 17 लाख 46 हजार रुपए मनरेगा से खर्च करने होंगे।