पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में कुछ ही महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वोटर्स की भूमिका काफी अहम होगी। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इन मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए रणनीति बनाने जा रही है। बीजेपी के ओबीसी मोर्चा ने गुजरात के नर्मदा जिले में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन किया है। ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण ने बताया कि केवडिया में अगले तीन दिनों तक 5 राज्यों के आगामी चुनावों के अलावा 2022 में गुजरात में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर भी मंथन होगा।
गांधीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए लक्ष्मण ने कहा, ”राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 3, 4 और 5 दिसंबर को केवडिया में होगी। आमी चुनावों को लेकर मोर्चा की भूमिका और रणनीति पर चर्चा के अलावा एक राजनीतिक प्रस्ताव भी बैठक में पास किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि पिछड़ी जातियों को बीजेपी से जोड़ने के लिए आने वाले दिनों में ओबीसी मोर्चा एक राष्ट्रव्यापी संपर्क अभियान चलाएगा। तेलंगाना के वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा कि इसके लिए मोदी सरकार की गरीब और पिछड़ा वर्ग हितैषी योजनाओं के बारे में जागरुकता फैलाई जाएगी।
लक्ष्मण ने कहा कि सपा, आरजेडी और लेफ्ट जैसी पार्टियां सोचती हैं कि वे पिछड़ा वर्ग की ठेकेदार हैं, लेकिन यह केंद्र की बीजेपी सरकार है जिसने ओबीसी के लिए केंद्रीय शैक्षणिक संस्थाओं में 27 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित की है।
लक्ष्मण ने कहा, ”यह आजादी के बाद 75 साल में पहली बार हुआ है।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी मानती है कि ओबीसी वर्ग में जो लोग क्रीमी लेयर में आ चुके हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ ना देकर केवल उन्हें दिया जाए जो अभी भी गरीब हैं।