उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने घोषणा की है कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को टैबलेट/स्मार्टफोन बांटे जाएंगे। काम लम्बा है इसलिए प्राथमिकता के आधार पर अंतिम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को सबसे पहले इसमें शामिल किया जाएगा। छात्रों के लिए यह अच्छी खबर है लेकिन इनका डाटा जुटाना लखनऊ के कॉलेजों के लिए सरदर्द बन गया है।
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ विश्वविद्यालय ने लखनऊ समेत अन्य जिलों (हरदोई, लखीमपुर, सीतापुर और रायबरेली) के भी सभी सम्बद्ध कॉलेजों को पत्र भेजकर 15 नवम्बर तक इस सत्र में पंजीकृत सभी छात्र-छात्राओं का डाटा मांगा है। उधर उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से भी सभी कॉलेजों को पत्र भेजा गया है।
अब समस्या यह है कि कॉलेजों को अपने लाखों छात्रों का पूरा डाटा तैयार करके दोनों जगह भेजना है और इसके लिए समय केवल तीन दिन का है।
500 से भी ज्यादा कॉलेजों को पत्र भेजा
लखनऊ विश्वविद्यालय ने सभी सम्बद्ध 500 से ज्यादा कॉलेजों के प्राचार्यों और प्रबंधकों को पत्र भेजकर उनसे सत्र 2021-22 में सम्बंधित कॉलेज में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं का डाटा निर्धारित प्रारूप में उपलब्ध कराने को कहा। विवि ने StuDataTemplate गूगल लिंक भी जारी किया है। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह की ओर से पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सत्र 2021-22 के सभी विद्यार्थियों का डाटा उपलब्ध कराया जाना है। स्पष्ट किया गया है कि पीजी के तृतीय सेमेस्टर और स्नातक के तृतीय व पंचम सेमेस्टर के छात्रों का डाटा भी अलग से भेजना है।
अब भी कई छात्रों ने फीस नहीं जमा की है। जबकि इन्हें बिना विलम्ब शुल्क के फीस जमा करने के कई मौके दिए गए हैं। छात्रहितों को देखते हुए फीस जमा करने का आखिरी मौका दिया जा रहा है। छात्र बिना विलम्ब शुल्क के 15 नवम्बर तक यूडीआरसी पोर्टल पर फीस जमा कर सकते हैं। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि टैबलेट और स्मार्टफोन का वितरण किया जाना है। लेकिन जो छात्र फीस जमा नहीं कर रहे हैं वे एलयू के इस सत्र के छात्र नहीं माने जाएंगे और ऐसे में उन्हें इस योजना का लाभ भी नहीं मिलेगा। इसलिए समय से फीस जमा करना अनिवार्य है।