विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति के लिए चुने जाते हैं, तो वह सुनिश्चित करेंगे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू न हो। उन्होंने ये बातें असम के गुवाहाटी में विपक्षी सांसदों के साथ बातचीत में कही।
असम के विपक्षी सांसदों के साथ बातचीत करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सीएए को अभी तक लागू नहीं कर पाई है क्योंकि इसे जल्दबाजी में “मूर्खतापूर्ण मसौदा” की तरह बनाया गया था। उन्होंने कहा, “असम के लिए नागरिकता एक बड़ा मुद्दा है और सरकार पूरे देश में अधिनियम लाना चाहती थी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं कर पाई है।”
पहले कोरोना का बहाना फिर भी नहीं बनी बात
उन्होंने कहा, “पहले सरकार ने कोरोना महामारी का बहाना बनाया, लेकिन अब भी वे इसे लागू नहीं कर पाए हैं क्योंकि यह जल्दबाजी में मूर्खतापूर्ण तरीके से तैयार किया गया अधिनियम है।”
बाहरी नहीं सत्ताधारियों से खतरा
सिन्हा ने आरोप लगाया कि संविधान किसी बाहरी ताकत से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों से खतरे में है। हमें इसकी रक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा, “अगर मैं राष्ट्रपति भवन में हूं, तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि सीएए लागू न हो।”